
नई दिल्ली । 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन किया था । इसके बाद वो 18 फरवरी को यूएई के अबु धाबी में बने भव्य हिंदू मंदिर का उद्घाटन करने वाले हैं ।
स्वामी नारायण मंदिर का निर्माण भारत और यूएई के बीच सद्भाव के प्रतीक के तौर पर किया गया है । उद्घाटन होने के बाद इस मंदिर को आम लोगों के लिए खोल दिया जाएगा । ऐसा पहली बार है कि किसी मुस्लिम देश में हिंदू मंदिर बना हो । ये मंदिर अयोध्या में बन रहे राम मंदिर की तरह भव्य है । अब अबु धाबी में घंटों और शंखों की आवाज सुनाई देगी । इस मंदिर की भव्यता बस देखते ही बनती है ।
आइए नजर डालते हैं इसकी खासियतों पर 700 करोड़ रुपये की लागत इस मंदिर का निर्माण 700 करोड़ रुपये में हुआ है । इस मंदिर का नाम बीएपीएस मंदिर है क्योंकि इसे बीएपीएस संस्था के नेतृतव में बनाया गया है । मंदिर को 27 एकड़ की जमीन पर बनाया गया है और ये जगह यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने दान में दी है । भारतीय कारीगरों ने तैयार किया मंदिर स्वामी नारायण मंदिर को भारत कारीगरों ने बनाया है । जिसे अरबी और हिंदू संस्कृति का प्रतीक माना गया है । मंदिर में 7 शिखरों का निर्माण किया गया है और हर शिखर में देवी देवताओं की उपस्थिति होगी । राजस्थान के गुलाबी पथ्तरों से बना मंदिर इस मंदिर के निर्माण में राजस्थान के गुलाबी पत्थरों और इटली की संगमरमर का इस्तेमाल किया गया है । इसकी शिलाएं भरतपुर से ले जाई गईं हैं । यूएई की भीषण गर्मी में भी इन पत्थरों पर कोई असर नहीं पड़ेगा ।
एशिया का सबसे बड़ा मंदिर अबु धाबी में बना ये हिंदू मंदिर एशिया का सबसे बड़ा मंदिर है । इसकी ऊंचाई 108 फीट,लंबाई 79.86 मीटिर