
बिन्दकी-फतेहपुर : पूर्व मुख्यमंत्री एवं बसपा सुप्रीमो मायावती के सिपहसालार पूर्व विधायक सुखदेव प्रसाद वर्मा का आकस्मिक निधन हो जाने से जनपद व आस पास के जिलों में शोक की लहर दौड़ पड़ी । एक दिन पहले सोमवार को सुखदेव प्रसाद वर्मा की पत्नी की मौत हृदय गति रुकने से हो गई थी ।
बिन्दकी तहसील के ग्राम सिकटठनपुर गांव में पत्नी निर्मला की चिता को मुखग्नि पूर्व विधायक सुखदेव प्रसाद वर्मा की पुत्री गोल्डी उर्फ सोनाली ने दिया और आज पत्नी की चिता की राख अभी ठंडी भी नहीं हुई थी कि पूर्व विधायक की भी बीमारी के चलते सांसें थम गईं ।
पूर्व विधायक का निधन प्रयागराज के अस्पताल में भोर पहर हुआ । उनके शव को पैतृक गांव लाया गया । उनके पैतृक गांव सिकट्ठनपुर में मातम का माहौल है और नाते रिस्तेदारों का आना जाना लगा है ।
सुखदेव प्रसाद वर्मा 10 अप्रैल को प्रयागराज के एक निजी अस्पताल में भर्ती हुए थे । जहां उनकी कोरोना संक्रमण की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई थी ।
काफी दिन चले उपचार के बाद वह कोरोना निगेटिव भी हो गए थे । लेकिन सीने में इन्फेक्शन के चलते प्रयागराज के एक निजी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था । बीते सोमवार को हृदय गति रुकने से उनकी पत्नी निर्मला की मृत्यु हो गई थी । पत्नी की मौत के 24 घंटे भी नहीं व्यतीत हुए कि पूर्व विधायक सुखदेव प्रसाद वर्मा की मंगलवार सुबह सांसें थम गईं ।
मौत की खबर सुनते ही बसपाइयों और जनपद के लोगों, क्षेत्र के लोगों में शोक की लहर दौड़ गई ।
मंगलवार दोपहर उनका शव खजुहा कस्बे के समीप चक कंशमीरी स्थित उनके महाविद्यालय रामपाल बिटाना देवी पहुंचा ।
पूर्व विधायक सुखदेव प्रसाद वर्मा के पार्थिव शरीर को श्रद्धांजलि अर्पित करने जिले के कई दिग्गज नेता पहुंचे ।

कारागार राज्यमंत्री जय कुमार सिंह “जैकी” ने पुष्प अर्पित कर श्रदांजलि दी । इस मौके पर बिन्दकी विधायक करन सिंह पटेल ,पूर्व मंत्री राजेन्द्र सिंह पटेल के अलावा और भी लोग मौजूद थे ।
जहां हिंदू रीति रिवाज के अनुसार उनकी इकलौती पुत्री गोल्डी ने उन्हें मुखाग्नि दी ।
आईये जानते हैं कौन हैं सुखदेव प्रसाद वर्मा और इनका राजनीतिक सफर
जनपद फतेहपुर की तहसील के ग्राम सिकट्ठनपुर के रहने वाले सुखदेव प्रसाद वर्मा बिन्दकी क्षेत्र में दो बार लगातार विधायक भी रहे थे । बसपा के टिकट पर उन्होंने लोकसभा का भी चुनाव लड़ा था । मूल्य रूप से बिन्दकी तहसील के सिकट्ठन पुर गांव के रहने वाले सुखदेव प्रसाद वर्मा ने 20वीं सदी के नावें दशक में वर्ष 1988 में निर्विरोध ग्राम प्रधान बनकर राजनीतिक सफर की शुरुआत की थी ।
बसपा से सन 2007 में बिंदकी विधानसभा से विधायक चुने गए । वर्ष 2012 में भी बसपा से ही पुनः विधायक रहे । 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में सुखदेव प्रसाद वर्मा को बसपा ने टिकट दिया था । लेकिन मोदी लहर की वजह से ये चुनाव हार गए और भाजपा के करन सिंह पटेल यहां से विधायक चुने गए ।
2019 में हुए आम चुनाव में बसपा और समाजवादी पार्टी (Samajwadi party) गठबंधन के तहत इनको एमपी ( Member of Parliyament) का टिकट मिला लेकिन भाजपा की साध्वी निरंजन ज्योति (Sadhvi Niranjan jyoti) से हार का सामना करना पड़ा । जबकि गठबंधन से मिले टिकट में इनको अच्छे वोट मिले थे । लेकिन इस बार भी मोदी फैक्टर की बजह से हार का सामना करना पड़ा । सुखदेव प्रसाद वर्मा की कुर्मी बाहुल्य इस इलाके में काफी पकड़ है । सुखदेव वर्मा कुर्मी जाति के बडे़ नेता थे ।
फतेहपुर लोकसभा सीट पर मुकाबला दिलचस्प बना दिया है ।
बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती के करीबी थे
पूर्व विधायक सुखदेव प्रसाद वर्मा ने बसपा की सदस्यता लेने के बाद कभी दल नहीं बदला वे बसपा के सच्चे सिपहसालार थे। प्रदेश की राजनीति में तमाम बदलाव आये लेकिन उन्होंने कभी निष्ठा नहीं बदली। पूर्व मुख्यमंत्री मायावती की नजरों में सुखदेव प्रसाद कुर्सी समाज का बड़ा चेहरा था जब मायावती जिले में आयी सुखदेव को अपना करीबी, निष्ठावान बताकर राजनीति में आगे बढ़ाने की तवज्जो दी है।
सुखदेव प्रसाद,जिन्हें बसपा ने साध्वी निरंजन ज्योति के खिलाफ बनाया था प्रत्याशी
सुखदेव प्रसाद वर्मा बसपा के पुराने नेताओं में से एक हैं । जिन्हें मायावती ने साध्वी निरंजन ज्योति के खिलाफ फतेहपुर लोकसभा का प्रत्याशी बनाकर चुनाव मैदान में उतारा था ।
परिवार में इकलौती बेटी थी
पूर्व विधायक के इकलौती संतान बेटी गोल्डी उर्फ सोनाली थी । जिन्होंने भाजपा के पूर्व विधायक प्रवीण वर्मा से शादी की थी ।
बहुत ही सराहनीय था व्यक्तित्व
सुखदेव जिले के एक बेदाग चेहरा था । आज की राजनीति परिवेश में भी उनके विरुद्ध कोई मुकदमा दर्ज नहीं हुआ वो बहुत ही उदार व्यक्ति थे । लोगो मे इनका व्यक्तित्व बहुत ही रोचक था । हमेशा लोगों की मदद के लिए सदैव तत्पर रहते थे ।