
फतेहपुर । मधुमक्खियां प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रुप में किसानो की आय बढ़ाने में सहायक है । इसी लिए मधुमक्खियां पालन के सरकार द्वारा 90 दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया है ।
जानकारी देते हुए जिला उद्यान अधिकारी फतेहपुर ने अवगत कराया है कि मधुमक्खी पालन अनुपूरक कृषि उद्यम के रूप में महत्वपूर्ण स्थान रखता है मधुमक्खियाँ प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से किसानों के दैनिक जीवन से लेकर उनकी आर्थिक आय बढ़ोत्तरी में सहायक है । मधुमक्खियों से शहद उत्पादन के साथ-साथ फसलों में पर-परागण से पौधों की जीवितता एवं उत्पादन में वृद्धि होती है तथा पर्यावरण संतुलन में भी इनका महत्वपूर्ण योगदान है । किसानों की आय में वृद्धि के लिए कृषि के साथ-साथ अन्य ऐसे अनुपूरक व्यवसाय अपनाये जाने की आवश्यकता है । जिसमे कम भूमि एवं कम पूंजी की जरूरत हो । मधुमक्खी पालन को अनुपूरक कृषि उद्यम के रूप में अपनाकर कम पूजी व कम समय में अधिक आय प्राप्त की जा सकती है ।
उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग उत्तर प्रदेश द्वारा मधुमक्खी पालन को प्रोत्साहित/बढ़ावा देने के उद्देश्य से वैज्ञानिक ढंग से मौनपालन किये जाने हेतु औद्यानिक प्रयोग एवं प्रशिक्षण केन्द्र, सहारनपुर व बस्ती एवं अधीक्षक,राजकीय उद्यान,प्रयागराज में 16 सितम्बर 2023 से 15 दिसम्बर 2023 तक तीन माह (90 दिवसीय) प्रशिक्षण सत्र का आरम्भ हो रहा है ।
प्रशिक्षण विभाग द्वारा निःशुल्क प्रदान किया जायेगा । प्रशिक्षण में भाग लेने वाले प्रशिक्षार्थियों को ठहरने एवं खाने आदि की व्यवस्था स्वयं करनी होगी इस प्रशिक्षण में पुरूष एवं महिलाये सभी वर्ग के अभ्यर्थी प्रतिभाग कर सकते हैं । इसके लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता कक्षा आठ उत्तीर्ण होना आवश्यक है ।
मधुमक्खी पालन प्रशिक्षण में भाग लेने वाले इच्छुक व्यक्तियों को अपने निकटतम सुविधा अनुसार संयुक्त निदेशक,औद्यानिक प्रयोग एवं प्रशिक्षण केन्द्र सहारनपुर,संयुक्त निदेशक, औद्यानिक प्रयोग एवं प्रशिक्षण केन्द्र बरती एवं अधीक्षक,राजकीय उद्यान, प्रयागराज से सम्पर्क कर निर्धारित रूप-पत्र पर दिनांक 16/09/2023 तक आवेदन कर मधुमक्खी पालन प्रशिक्षण प्राप्त कर सकते है आवेदन-पत्र के साथ दो सम्रांत व्यक्त्तियों या राजपत्रित अधिकारी द्वारा प्रदत्त चरित्र प्रमाण-पत्र आवश्यक है ।