
बिन्दकी/फतेहपुर : प्रकाशमणि निर्मल निष्काम व आत्मिक प्रेम की प्रतिमूर्ति थी आज उनकी अनुपस्थिति विशाल ईश्वरी परिवार में एक रिक्ति का आभास कराती है ।
यह बात नगर के ललौली रोड स्थित प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय में दादी प्रकाशमणि की पुण्यतिथि के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में ब्रह्म कुमारी दिव्या ने कहा ।उन्होंने कहा कि दादी प्रकाशमणि की मुस्कान अनेकों के कष्ट हर लेती थी जिनकी दृष्टि पाने के लिए लोगों के कदम रुक जाते थे । जिनके सफल प्रशासन को देख सभी प्रशासनिक अधिकारी उनसे यह कला सीखना चाहते थे । जिनकी पवित्रता व सरलता से सभी लोग प्रभावित रहते थे । उन्होंने अनेकों को जीवन दान दिया । उन्होंने प्यार देकर अनेकों को जीना सिखाया था । इस मौके पर ब्रह्माकुमारी सीता ने कहा की दादी प्रकाशमणि श्रेष्ठ योगी थी । परमात्मा प्यार में मगन रहने वाली थी दादी कहती थी जीवन भला चला जाए पर खुशी न जाए । हमारी दादी सबके दिल की प्यारी और अति न्यारी सबके दिलों में प्यार की रहम की और सहयोग की छाप लगाने वाली सर्व स्नेही थी ।
समाजवादी पार्टी के पूर्व जिला अध्यक्ष रामेश्वर दयाल दयाल ने कहा की दादी प्रकाशमणि को हमेशा याद रखा जाएगा ।
इस मौके पर ब्रह्माकुमारी प्रियंका,ब्रह्मकुमारी कामनी,ब्रह्मकुमारी उर्मिला सहित सैकड़ों लोग मौजूद रहे । सभी लोगों ने दादी प्रकाशमणि के चित्र पर पुष्प अर्पित किए । इस मौके पर कई लोगों ने उनके कृतित्व और व्यक्तित्व पर चर्चा की ।