
समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने कहा कि काबुल के उत्तर में पंजशीर घाटी में मौजूद तालिबान विरोधी समूहों के हवाले से खबर दी है कि ये समूह तालिबान के साथ बातचीत के लिए तैयार हैं ।
राजधानी काबुल समेत लगभग पूरे अफ़ग़ानिस्तान पर तालिबान का कब्ज़ा हो गया है लेकिन पंजशीर के इलाक़े को तालिबान के लड़ाके अभी तक अपने नियंत्रण में ले नहीं पाए हैं । हालांकि इस पूरे इलाक़े को तालिबान ने घेर रखा है ।
समाचार एजेंसी ने बाल्ख़ प्रांत के गवर्नर रहे एक ताकतवर नेता के बेटे ख़ालिद नूर का इंटरव्यू किया है ।
ख़ालिद नूर ने कहा है कि “तालिबान से बातचीत करने के लिए” तलिबान विरोधी नेता आपस में चर्चा कर रहे हैं । इन नेताओं में उज़्बेकिस्तान के कबायली नेता अब्दुल रशीद दोस्तम भी शामिल हैं ।
हालांकि ये तालिबान-विरोधी समूह आपस में कितने एकजुट हैं इसे लेकर भी शंका जताई जा रही है ।
ख़ालिद नूर ने कहा कि अगर विरोधी समूहों के बीच बातचीत बेनतीजा रही तो इससे “बड़ा ख़तरा” पैदा हो सकता है ।
हालांकि उन्होंने कहा कि ऐसा होने की सूरत में वो “आत्मसमर्पण करने का सवाल पैदा नहीं होता” ।
उन्होंने कहा कि इतिहास इस बात का गवाह है कि ताकत के बल पर अफ़ग़ानिस्तान पर शासन करने की किसी की कोशिश कभी कामयाब नहीं हुई है ।
वहीं तालिबान के प्रवक्ता ज़बीहुल्लाह मुजाहिद ने कहा है कि दोनों पक्षों के बीच बातचीत जारी है । उनके अनुसार इस बातचीत से सफल होने की उम्मीद 60 फीसदी है ।