
फतेहपुर । सहायक संभागीय परिवहने अधिकारी (प्रशासन) ने बताया कि विशिष्ट रूप से कृषि कार्य हेतु पंजीकृत ट्रैक्टर-ट्राली का उपयोग गैर कृषि कार्यों हेतु किया जाना केन्द्रीय मोटरयान अधिनियम 1988 एवं उ०प्र० मोटर यान कराधान अधिनियम 1998 का उल्लंघन है । जनपद कौशाम्बी के नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में सडक सुरक्षा के दृष्टिगत ट्रैक्टर-ट्राली के अवैध संचालन के विरुद्ध परिवहन विभाग द्वारा नियमित कार्यवाही की जाती है ।
परिवहन आयुक्त,उत्तर प्रदेश द्वारा बताया गया है कि ट्रैक्टर-ट्राली में अनाधिकृत रूप से सवारी ढोने में किया जा रहा है । उनके विरूद्ध मोटर यान अधिनियम में दिये गये प्राविधानानुसार प्रभावी प्रवर्तन कार्यवाही के निर्देश दिये गये हैं ।
इस संबंध में ट्रैक्टर-ट्राली के अवैध संचालन पर प्रभावी अंकुश लगाये जाने हेतु निम्नलिखित सुझाव/ निर्देश दिये जाते हैं । जिसके अनुसार केवल कृषि कार्य हेतु पंजीकृत कराये गये ट्रैक्टर-ट्रालियों को अनावश्यक रूप से मुख्य मार्गों पर न चलाया जाये । कृषि कार्य हेतु पंजीकृत ट्रैक्टर-ट्राली के वाहन स्वामी अपने ट्रैक्टर का व्यवसायिक प्रयोग करते हुए इंट,मिटटी, गिटटी एवं मोरंग के अवैध परिवहन में प्रयोग किया जा रहा है । उनसे अनुरोध है कि वह अपनी वाहन को नियमानुसार व्यवसायिक ट्रैक्टर-ट्राली में परिवर्तित कराकर उनका वैध प्रपत्रों के साथ संचालन करें । बिना वैध प्रपत्रों के कोई भी ट्रैक्टर-ट्राली का मार्ग पर संचालन न किया जाये । ट्रेक्टर-ट्राली के अवैध संचालन के विरूद्ध परिवहन विभाग के प्रवर्तन अधिकारियों द्वारा मार्ग पर चेकिंग के दौरान कठोर कार्यवाही की जायेगी ।
कृषि कार्य के लिए निर्मित्त एवं पंजीकृत ट्रैक्टर-ट्राली द्वारा अनाधिकृत रूप से श्रद्धालुओं व श्रमिकों के आवागमन तथा सवारियां ढोने पर रोक लगायी जाये । ट्रैक्टर-ट्राली के चालकों द्वारा वैध लाईसेंस होने पर ही वाहन चलाया जाये । ट्रैक्टर-ट्राली में सिलेक्टिव टेप अवश्य लगाया जाये । यदि किसी ट्रैक्टर-ट्राली के वाहन स्वामी द्वारा उसका अवैध संचालन/दुरूपयोग किया जाता है और इससे किसी भी प्रकार की जान- माल की हानि होती है तो ऐसी दशा में ट्रैक्टर का रजिस्ट्रेशन निरस्त करने के साथ-साथ विधिक कार्यवाही भी अमल में लायी जा सकती है ।
सड़क सुरक्षा के दृष्टिगत मार्ग दुर्घटनाओं में कमी लाने हेतु ट्रैक्टर-ट्राली में बैक-लाइट अवश्य लगी होनी चाहिए ।