
फतेहपुर । लू–प्रकोप से बचाव एवं राहत के लिए हीट– वेव (लू) प्रबंधन हेतु विभागीय अधिकारियों के साथ जिलाधिकारी सी. इंदुमती की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट महात्मा गांधी सभागार में बैठक संपन्न हुई ।
उन्होंने कहा कि लू के प्रकोप से राहत एवं बचाव के लिए शासन द्वारा निर्धारित किए गए विभाग (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य,कृषि,पंचायती राज,ग्राम्य विकास,श्रम विभाग,वन विभाग,पर्यटन विभाग,आई0टी0 एवं इलेक्ट्रॉनिक्स,पशुपालन,सूचना विभाग एवं ऊर्जा, उच्च शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा,बेसिक शिक्षा व नगर विकास) के अधिकारी शासन द्वारा जो दायित्व निर्धारित किए गए है कि कार्ययोजना बनाते हुए लू– प्रकोप से बचाव एवं राहत के लिए अपना कार्य जिम्मेदारी के साथ करे । उन्होंने कहा कि उप जिलाधिकारी अपने–अपने तहसील क्षेत्र में लू –प्रकोप से बचाव के लिए जागरूकता कार्यक्रम कराए । जैसे–सार्वजनिक स्थानों, बस स्टैंड, टैंपो स्टैंड, चिकित्सालय, रेलवे स्टेशन आदि पर शुद्ध पेय जल की व्यवस्था सुनिश्चित कराए । नगर पंचायत/नगर पालिका के अधिशाषी अधिकारी हीट वेव से बचाव के लिए चिन्हित मार्गो पर पेय जल, खुले पार्कों में यथा सम्भव छाया की व्यवस्था तथा पार्क खुलने एवं बंद होने का समय निर्धारित कर दे साथ ही सड़को पर नियमित रूप से पानी का छिड़काव करे । ग्राम्य विकास विभाग के अधिकारी मनरेगा के कार्यों का समय बदले तथा कार्य स्थल पर समुचित छाया एवं पेय जल की व्यवस्था करे ।
हीट स्ट्रोक के लक्षण –
घबराहट, चक्कर आना, गर्म लाल और सूखी त्वचा, मांसपेशियों में कमजोरी या ऐंठन, मतली या उल्टी आना ।
शरीर का तापमान 40° सेल्सियस या 104° फारेनहाईट तक हो जाना ।
बहुत तेज सिरदर्द ।
हीट वेव (लू) से बचाव के लिए “क्या करें” –
अधिक से अधिक पानी पीयें ।
यात्रा करते समय अपने साथ पर्याप्त मात्रा में पीने का स्वच्छ पानी रखें ।
ओ०आर०एस०, घर में बने हुये पेय पदार्थ जैसे लस्सी, चावल का पानी (माड़), नीबू-पानी, छांछ आदि का उपयोग करें ।
पसीना सोखने वाले पतले व हल्के रंग के वस्त्र ही पहनें ।
धूप में जाने से बचें यदि धूप में जाना जरूरी हो तो चश्में, छाते, टोपी, अंगोछा व चप्पल आदि का प्रयोग करें ।
कार्यों को ठण्डे समय में करने का प्रयास करें । कार्यस्थल पर पीने के ठंडे पानी की व्यवस्था करें ।
गर्भवती महिलाओं,बड़ी उम्र के लोगों व हृदय रोग एवं उच्च रक्तचाप से ग्रसित व्यक्तियों को अधिक ध्यान दिये जाने की आवश्यकता है ।
हीट वेव (लू) से बचाव के लिए “क्या न करें” –
बच्चों व पालतू जानवरों को खड़ी कारों/गाड़ियों में न छोड़े ।
यदि संभव हो तो दोपहर में निकलने से बचें ।
गहरे रंग के भारी तथा तंग कपड़े न पहनें ।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी पवन कुमार मीना, अपर जिलाधिकारी (वित्त/राजस्व) अविनाश त्रिपाठी, अपर जिलाधिकारी (न्यायिक) धीरेन्द्र प्रताप,समस्त उपजिलाधिकारी,वन अधिकारी,प्रभारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी,मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी,जिला कृषि अधिकारी, जिला पंचायत राज अधिकारी, डीसी मनरेगा, समस्त अधिशाषी अधिकारी, जिला सूचना अधिकारी, जिला सूचना विज्ञान अधिकारी सहित संबंधित उपस्थित रहे ।