
फतेहपुर । स्वस्थ्य जीवन के लिए किसानो को अब जैविक खेती अपनाना होगा । जैविक खेती के लिए प्राकृतिक संसाधनो का उपयोग कर किसान अपनी लागत को कम कर सकते है ।
इस विचार विकास खंड हथगाव के रायचंद्रपुर गाँव मे कृषि विभाग की सर्विस प्रोवाइडर ग्रीनरी एग्रीबिजनेश द्वारा आयोजित जैविक किसान मेले मे व्यक्त किये गए । शुभारंभ योजना प्रभारी रवि कुमार पुंडिर ने किया । उन्होंने लाभकारी योजनाओ की जानकारी दी ।
मृदा परीक्षण प्रयोगशाला के प्रभारी प्रेमदान पाल ने कहा की मिट्टी का स्वस्थ्य होना बहुत जरूरी है । फसल चक्र को अपनाकर खेती करे।मिट्टी की जाँच समय समय पर जरूरी है ।
कृषि वैज्ञानिक डॉ० शिव मंगल सिंह ने अनाज भंडारण मे नीम की उपयोगिता बताई । कहा जैविक खेती से किसान अपनी लागत कम कर अपनी आय दुगुनी कर सकते है । जैविक खेती से पर्यावरण का भी संरक्षण होता है ।
प्राकृतिक खेती के प्रशिक्षक वीरेंद्र यादव ने जैविक खेती मे कीट नियंत्रण के लिए फेरोमेनट्रैप के उपयोग की विधि बताई ।
कहा रासायनिक खेती से भूमि जहरीली होती जा रही जो हमारे स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल रही है । गौधारित कृषक प्रशिक्षक रमाकांत तिवारी ने बीजशोधन के लिए बीजामृत की विधि बताई ।
जीवामृत,निमास्त्र,ब्रह्मास्त्र के बनाने व खेती में उपयोग की विधि बताई । कहा की जैविक खेती के लिए किसान प्राकृतिक संसाधन का उपयोग करे । जैविक मेले का संचालन आलोक गौड़ ने किया ।इस मौके पर कृषि विभाग से एडिओ अश्वनी कुमार,एसएमएस विनय कुमार, टीएसी दीपक, प्रोजेक्ट क्वार्डिनेटर रमेश पटेल, ग्राम प्रधान राजेश कुमार आदि उपस्थित रहे ।