
फतेहपुर । विकास भवन सभागार में नीति आयोग के निर्देशानुसार संचालित परियोजना जीवन के प्रथम 1000 दिवस के अंतर्गत एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया ।
इस कार्यक्रम में जिला विकास अधिकारी प्रमोद सिंह चंद्रौल,प्रिंसिपल मेडिकल कॉलेज फतेहपुर डॉ० आर.पी. सिंह, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ० राजीव नयन गिरी,जिला कार्यक्रम अधिकारी साहब सिंह यादव, जिला सांख्यिकी अधिकारी नीती त्रिपाठी,अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ० इस्तियाक अहमद,सहायक व्याख्याता मेडिकल कॉलेज फतेहपुर डॉ० दीपक शंखवार, प्रभारी चिकित्साधिकारी एन. आर.सी. डॉ० रघुनाथ सिंह कछवाह,निदेशक विक्रमशिला एज्युकेशन रिसोर्स सोसायटी शुभ्रा चैटर्जी ,प्रतिनिधि वैन लीर फाउंडेशन सोहैल सईद, कार्यक्रम प्रबंधक विक्रमशिला मुस्तफीज इकबाल,राज्य प्रमुख साक्षी पावर,जिला कार्यक्रम समन्वयक अनुभव गर्ग,निदेशक स्कूल प्रौढ शिक्षा डॉ० रेखा शर्मा सेन, यूनिसेफ विशेषज्ञ -शिक्षा ऋत्विक पात्रा, विशेषज्ञ संचार अभिश्वेता झा आदि शामिल हुए ।
कार्यक्रम का प्रारम्भ मुख्य अतिथियों के स्वागत एवं दीप प्रज्वलन के साथ किया गया ।
कार्यक्रम के दौरान विक्रमशिला निर्देशक शुभ्रा चैटर्जी ने कार्यक्रम की मुख्यभूमिका के बारे में प्रतिभागियों को बताया एवं सभी प्रतिभागियो ने अपना परिचय दिया ।
विक्रमशिला राज्य प्रमुख साक्षी पवार ने कार्यक्रम की दो वर्षो की यात्रा के बारे में प्रतिभागियों को अवगत कराया । डॉ० रेखा शर्मा सेन ने प्रथम 1000 दिवस मे मस्तिस्क के विकास की प्रक्रिया और महत्व को बताया ।
वैन लीर फाउंडेशन से सोहेल सैयद ने हमारे आसपास की आधारभूत संरचनाओं को बाल हितैषी बनाने पर जोर देते हुए भारत के तथा अन्य देशों में चलाई जा रही योजनाओं से प्राप्त सीखो को साझा किया ।
कार्यक्रम के अगले चरण में प्रथम तकनीकी सत्र का आयोजन प्रिंसिपल मेडिकल कॉलेज डॉ आर.पी. सिंह की अध्यक्ष्ता में किया गया ।
इस सत्र में जिला कार्यक्रम समन्वयक अनुभव गर्ग के साथ सभी विसेसज्ञों ने जीवन के प्रथम 1000 दिनों में प्रारंभिक बाल्य विकास के अंतर्गत गर्भावस्था से लेकर दो वर्ष तक की आयु में संवेदन शील देखभाल में गृहआधारित परामर्श के दौरान प्राथमिकतानुसार लाभार्थियों का चयन,बाल-संवेदी एवं बाल अनुकूल ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण दिवस में बाल संवेदनशील कोनों की भूमिका,स्वास्थ्य सेवा कार्यक्रमों के अंतर्गत माता- पिता को परामर्श की शुरुआत, आयु-उपयुक्त विकासात्मक पड़ावों का समर्थन करने के लिए प्रयास आदि महत्वपूर्ण विषयों पर गहन चर्चा की ।
कार्यक्रम के दूसरे सत्र में डॉ रेखा शर्मा सेन एवं बाल विकास परियोजना अधिकारी अमोली अजय सिंह द्वारा संवेदनशील देखभाल विषय पर जन प्रतिनिधि,स्वास्थ्य कार्यकर्ता,आँगनबाड़ी कार्यकर्ता,आशा कार्यकर्ता, ब्लाक कार्यक्रम प्रबंधक एवं देखभालकर्ताओं से जमीनी अनुभवों व व्यवहार परिवर्तन की गहन चर्चा की ।
सेमीनार के तीसरे सत्र के दौरान यूनिसेफ विशेषज्ञ शिक्षा ऋत्विक पात्रा, जिला कार्यक्रम अधिकारी साहब यादव एवं बाल विकास परियोजना अधिकारी अरविन्द कुमार आदि के साथ सम्पूर्ण आकांक्षी जनपद के साथ साथ अन्य आकांक्षी ज़िलों तक भी कार्यक्रम की सीखो को विस्तारित करने पर चर्चा की ।
यह जिला स्तरीय संगोष्ठी फतेहपुर, उत्तर प्रदेश जिले में प्रारंभिक बाल्य विकास के महत्व को जन समुदाय तक ले जाने के मुख्य उद्देश्य के साथ आयोजित की गई थी ।
संगोष्ठी में स्वास्थ्य ,आई.सी.डी.एस., ग्रामीण विकास के जिला अधिकारी,ई.सी.डी. और स्वास्थ्य के विशेषज्ञ,जिला प्रशासन,राज्य आई.सी.डी.एस. इकाई और अन्य विकास भागीदारों के प्रतिनिधि भी शामिल हुए । जिन्होने सक्रीयता के साथ कार्यक्रम से संबंधित अपने अनुभव तथा राय साझा की ।
इस कार्यक्रम को सफल बनाने में बाल विकास विशेषज्ञ आर्यन कुशवाहा, पोषण विशेसज्ञ सोनल रूबी राय, परियोजना अधिकारी अनामिका पांडेय,प्रशांत पंकज,सिविल इंजिनियर वैभव सिंह आदि का विशेष योगदान था ।