कुछ महत्वपूर्ण तथ्य :
– अध्यापकों का गंदा बर्ताव बच्चों के जीवन पर डाल रहा गहरा प्रभाव ।
– प्रधानाचार्य ने मीडिया के सवालों का किया बहिष्कार ।
– जिससे लगता है पूरी तरह से है संलिप्त प्रधानाचार्य ।
– छात्रायें मानसिक रूप से घबराई हुई है ।
फतेहपुर /बिन्दकी : एक श्लोक तो आप ने सुना ही होगा जो गुरु की तुलना भगवान से की गई है ।
जगदगुरु कृपालु महाराज की शिष्या गोपीकेश्वरी देवी ने कहा कि गुरु और भगवान में कोई अंतर नहीं है । रामायण और गीता दोनों में इसका वर्णन मिलता है । गीता में भगवान कृष्ण ने कहा है कि मैं ही गुरु के रूप में जीव को प्राप्त होता हूं । रामायण में गोस्वामी तुलसी दास ने आप ही जानते हैं कि गुरु और भगवान एक हैं ।
सोचिए कितना बड़ा दर्जा है गुरु का लेकिन वर्तमान समय की स्थिति इससे बिल्कुल भिन्न हो गई है । जब गुरु ही अपने विद्यार्थियों के साथ बुरा बर्ताव करने लगे तो सोचो कि वो गुरु नही हो सकता है ।
मुद्दे होते रहते हैं ,दस्तक भी होते रहते हैं कुछ बड़ी तो कुछ छोटी घटना होती रहती है । लेकिन जब इन शोषित घटनाओं पर स्कूल के प्रधानाचार्य ही जवाब देने से मना कर दे तो सोचे कि स्कूल प्रशासन की संलिप्तता पूर्ण रूप से होगी ।
ऐसा ही मामला जनपद फतेहपुर के तहसील बिन्दकी नगर लंका रोड स्थित सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज का है । जहाँ बच्चों का शोषण होना एक आम बात हो गई है क्योंकि शोषण करने वाला कोई सफेदपोश का बेटा होता है जो कार्यवाही के बदले कागजों पर सिमिट कर रह जाती है बड़ी बड़ी वारदातें । यह स्कूल दूध का धुला हुआ नही है । क्योंकि यहाँ पर बच्चों का मानसिक शोषण किया जाता है ।
ऐसे ही एक कक्षा 12वीं की छात्रा अलका तिवारी है । जिसके साथ स्कूल के अध्यापक ने छात्रा को मानसिक रूप से प्रताड़ित कर दिया है जिससे छात्रा डर गई है जिसके परिजनों द्वारा डीआईओएस को एक प्रार्थना पत्र दिया लेकिन कोई कार्यवाही नही हुई तो छात्रा ने पिछले हफ्ते हुए सम्पूर्ण समाधान दिवस पर उपजिलाधिकारी बिन्दकी अवधेश कुमार निगम को प्रार्थी अलका तिवारी पुत्री विजय शंकर पैगम्बरपुर ने अपनी आपबीती सुनाई । जिसमे एसडीएम ने तत्काल प्रभाव से जांच कर अध्यापक अंकित मिश्रा के ऊपर सख्त कार्यवाही की मांग की है ।
दिए गए प्रार्थना पत्र में अलका तिवारी सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज की कक्षा 12 वी इंग्लिश मीडियम की छात्रा है । आपको बता दें कि इसके पूर्व विद्यालय में संगठन मंत्री विद्यालय निरीक्षण के लिए आमंत्रित किया गया था । जिसमें संगठन मंत्री ने विषयवार गुणवत्ता पर चर्चा किया जिसमें अलका तिवारी व अन्य लोगों ने गणित के अध्यापक अंकित मिश्रा व अन्य लोगों की शिकायत किया और बताया कि अंकित मिश्रा क्लास में बच्चों के प्रश्नों का उत्तर नहीं देते हैं व गाइड बुक लेकर पढ़ाते हैं तथा सरल व मनमानिक प्रश्नों के उत्तर देते हैं जो कि हम सभी प्रार्थिनी समझ नहीं पाते हैं । इस बात को लेकर अध्यापक अंकित मिश्रा बच्चों से नाराज हो गए व गणित विषय में कई छात्र /छात्राओं को फेल कर दिया व धमकी देते हैं कि तुम लोगों ने मेरी शिकायत किया है । मुझे तो अभी फिजिक्स की कॉपियां भी जांचना है उसमें भी फेल कर देंगे जो करना हो कर लो तुम लोग । इस पर अंकित मिश्रा व इनके अन्य सहयोगी संपूर्ण घटनाक्रम में शामिल है आए दिन बच्चों को मारने पीटने की धमकी देते व मानसिक रूप से प्रताड़ित कर धमकी देते हैं व अभिभावकों के साथ भी अभद्रता करते हैं । अब मामला यह है कि इनकी चेक कापियों को पुनः चेक कराया जाना ही सही क्रम है । जिससे इसकी सत्यता का खुलासा हो सके अब अभिभावकगण व बच्चे सदमे में है किसी भी दिन कोई घटना घट सकती है । ऐसे कृत्य कार्य करने वाले अध्यापकों को तुरंत विद्यालय से त्वरित कार्यवाही करते हुए निकाल देना चाहिए जिससे बच्चों का डर बाहर निकल सके और सदमा मुक्त हो जाए । ऐसी कार्रवाई हो जाने से जो भी नया अध्यापक आएगा वह ऐसी घटना करने से पहले सौ बार सोचेगा और वह बच्चों के साथ बेहतर व्यवहार करेगा तो बच्चे मानसिक प्रताड़ना का शिकार भी नहीं होंगे ।
बहुत ही उम्मीद के साथ प्रार्थी अलका तिवारी ने उप जिलाधिकारी को प्रार्थना पत्र देकर विनती किया है कि अध्यापक अंकित मिश्रा व उनके सहयोगियों के विरुद्ध सख्त कानूनी कार्रवाई किया जाए व इस तरह से जानबूझकर विद्यार्थियों को फेल कर रहे हैं जो कि बच्चों के मानसिक प्रताड़ना जैसा है तथा पुनः कॉपियों का मूल्यांकन किए जाने का आदेश दिया जाए ।
इस बाबत जब कुछ मीडियाकर्मियों द्वारा विद्यालय के प्रधानाचार्य अजय कुमार द्विवेदी से मिलकर उक्त प्रकरण ओर जानकारी चाही गयी तो उनके द्वारा मीडिया का सहयोग करने के बजाय विद्या भारती के नियमों का ज्ञान देने लगे और बताया कि उन्हें विद्या भारती द्वारा मीडिया में बयान देने से मना किया गया है । आखिरकार विद्या भारती मीडिया में बयान देने के लिए किसी विद्यालय के प्रधानाचार्य को मना आखिर क्यों करेगी ?
विद्यालय में कुछ भी क्या विद्या भारती नहीं चाहती कि उनके विद्यालय में इस तरह से हो रहे बच्चों का शोषण को रोका जाए या फिर विद्या भारती इस पूरे मामले से अनभिज्ञ है और विद्या भारती के नाम का गलत इस्तेमाल कर खुद प्रधानाचार्य ही ऐसे कार्यों में संलिप्त हो । यदि विद्यालय प्रबन्ध तंत्र गलत नहीं है तो फिर मीडिया का सामना करने के बजाय दूर क्यों भागते नजर आ रहें हैं । इससे साफ स्पष्ट होता है कि कहीं न कहीं इस पूरे मामले में विद्यालय प्रबन्ध तंत्र संलिप्त है । कुछ अध्यापक मीडिया में बोलना तो चाह रहे हैं लेकिन दबाववश बोलने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं ।
इस सम्बन्ध में उपजिलाधिकारी अवधेश कुमार निगम ने बताया कि प्रकरण संज्ञान में आया जिसकी जांच कराकर कार्यवाही की जाएगी बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
ऐसे अध्यापकों को सेवा मुक्त किया जाए। बच्चों को भय के वातावरण में अच्छा नहीं बनाया जा सकता, बल्कि तनावग्रस्त बच्चे सोचने और समझने की शक्ति खो देते हैं। विद्या भारती हो या फिर कोई अन्य शिक्षण संस्थान कभी अपने विद्यालय की बदनामी नहीं चाहते। ऐसे प्रधानाचार्य को भी पदमुक्त किया जाना चाहिए जो समस्या का त्वरित समाधान करने के बजाय उसको बढ़ावा दे रहे हैं।
एक शिक्षक ऐसा नहीं कर सकता
बच्चों के भविष्य के साथ,फिर भी इस तरह के कार्य करने वाले शिक्षकों को तुरंत स्कूल से निकाल देना चाहिए