
कानपुर में शहर समेत कस्बा व गांवों में विश्व के निर्माता भगवान विश्वकर्मा जयंती धूमधाम से मनाई गई । शहर के श्यामनगर स्थित 37वीं वाहिनी पीएसी में सेनानायक सुनीता सिंह आईपीएस के दिशा-निर्देशन में वाहिनी के एमटी परिसर मे भगवान विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर हवन व पूजन किया गया । पूजन संपन्न होने के उपरांत प्रसाद वितरण किया गया ।
इस मौके पर सुरेंद्र सिंह सूबेदार,मीडिया सेल से मुनीश कुमार आदि लोग मौजूद रहे । वहीं विभिन्न फैक्ट्रियों,लोहे आदि की दुकानों, वर्क शॉप आदि के अलावा घरों में भी मशीनों की पूजा-अर्चना की गई । कई विश्वकर्मा परिवारों के घरों में हवन पूजन का आयोजन हुआ । लोगों ने अपने घरों में मशीनी और लोहे के उपकरणों की सफाई की और पूजा-अर्चना की गई । शहर के किदवई नगर स्थित जनक एडवरटाइजिंग कार्यालय में भगवान विश्वकर्मा की पूजा-अर्चना की गई । इस मौके पर पंकज मौर्य,आशुतोष द्विवेदी,रवि शुक्ला आदि लोग मौजूद रहे ।
बताते चले कि स्वर्ग लोक से लेकर द्वारिका तक के रचनाकार भगवान विश्वकर्मा को माना जाता है । साथ ही यह कहा जाता है कि भगवान विश्वकर्मा के पूजन से व्यापार में तरक्की होती है । विश्वकर्मा जयंती हर साल के 17 सितंबर को भारत देश में धूमधाम से मनाई जाती है ।
वही आचार्य पं. शिवम शुक्ला बताते हैं कि भगवान विश्वकर्मा जयंती मनाई जानी की पौराणिक कथा है । कहा जाता है भगवान विश्वकर्मा देवताओं के शिल्पकार थे । भगवान शिव का त्रिशूल,रावण की लंका , श्रीकृष्ण की द्वारिका, देवी-देवताओं के अस्त्र-शस्त्र और घर का निर्माण भगवान विश्वकर्मा की दी देन है ।
उन्हें दुनिया का पहला वास्तुकार और इंजीनियर माना जाता है । विश्वकर्मा जयंती के दिन लोग कार्य-व्यापार में तरक्की और घर में सुख-समृद्धि के लिए विश्वकर्मा पूजा करते हैं । इस दिन लोहे के समानों, मशीनों और दुकानों की पूजा होती है । ताकि काम में आ रही अड़चने दूर हों और कार्यों में सफलता मिले ।