बिन्दकी/फतेहपुर । नगर के कुंवरपुर रोड स्थित राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय बिन्दकी में जलवायु परिवर्तन एवं पर्यावरणीय मुद्दे विषय पर आयोजित दो दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारम्भ आज मुख्य अतिथि विधायक बिन्दकी व् पूर्व मंत्री उत्तर प्रदेश शासन जय कुमार सिंह जैकी ने माँ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण तथा दीप प्रज्ज्वलन कर कहा क़ि जलवायु परिवर्तन दुनिया के मानव जीवन और समस्त प्राणी जीवन के लिये एक खतरा बन चुका है । लगातार जलवायु में बदलाव के कारण पृथ्वी की जीवसृष्टि को तनाव झेलना पड़ रहा है और उनमें अनेक बदलाव हो रहे है । जो मानव सभ्यता के लिए एक चिंता का विषय है ।
महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ० सपना पांडेय ने समस्त अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा क़ि जलवायु परिवर्तन दुनिया भर के सभी क्षेत्रों को प्रभावित करता है । धु्रवीय बर्फ की परतें पिघल रही हैं और समुद्र का जलस्तर बढ़ रहा है । कुछ क्षेत्रों में,चरम मौसम की घटनाएँ और वर्षा अधिक आम होती जा रही हैं । जबकि अन्य क्षेत्रों में अधिक चरम गर्मी की लहरें और सूखे का सामना करना पड़ रहा है जो कि मानवता की लिए खतरा है ।
विशिष्ट अतिथि डॉ० शील प्रिय त्रिपाठी जी ने कहा क़ि जलवायु परिवर्तन का परिणाम मानव के स्वास्थ्य पर भी पड़ेगा ।
उन्होंने डब्लूएचओ की़ एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा क़ि तापमान में वृद्वि होने के कारण स्वसन और हृदय के सम्बंधित रोगों में बढ़ोतरी हो रही है । जलवायु परिवर्तन के कारण रोगों के जीवाणु भी बढ़ेंगे और उसके साथ ही इन रोग जीवाणु के अलग अलग प्रजातीया भी जन्म लेगी ।
डॉ० विकाश चन्द्रा ने संगोष्ठी की विषयवस्तु को प्रस्तुत किया । कार्यक्रम के मुख्य वक्ता प्रो० ए0पी0 तिवारी पूर्व डीन एकेडमिक,डॉ० शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय लखनऊ ने जलवायु परिवर्तन एवं पर्यावरणीय मुद्दे विस्तृत विवेचना करते हुए उपरोक्त विषय की़ समस्याओ, चुनौतियों पर अपने विचार प्रस्तुत करते हुए कहा कि जलवायु परिवर्तन आज के विश्व की़ एक बहुत बड़ी समस्या है विश्व की़ सभी सरकारों को इसे गंभीरता से लेने की़ आवश्यकता है । बढ़ते तापमान के कारण किसी अनुकूल क्षेत्र में रहने वाले जीवों पर इसका प्रभाव हो रहा है । अचानक जलवायु में परिवर्तन के कारण उनकी मृत्यु हो रही है और कुछ जीव अपने परिसंस्था को छोड़कर दूसरे परिसंस्था में जा रहे है ।
विशिष्ट वक्ता अवध विश्वविद्यालय के प्रोफेसर जसवंत सिंह ने विषय पर प्रकाश डालते हुए कहा क़ि जलवायु परिवर्तन का परिणाम विश्व के मानसूनी क्षेत्रों पर हो रहा है । इन क्षेत्रों में ज्यादा बारिश होने के कारण लगातार बाढ़ आ रहे है और शुद्ध पीने के पानी की कमी भी हो रही है । तापमान के बढ़ने के कारण धू्रवों और हिमालय पर्वत शृंखला के ऊपर मौजूद हिम काफ़ी तेज़ी से पिघल रहा है और उसका पानी सीधे समुद्र में आ रहा है । हिम के पिघलने से ग्लेशियर काफ़ी तेज़ी से पीछे की तरफ़ जा रहे है ।
जलवायु परिवर्तन के कारण अमेरिका और संयुक्त राज्यों में फ़सलो के उत्पादकता में कमी आई है और अफरीका, पूर्वी देशों के साथ भारत में मानसून बढ़ने के कारण कुछ फ़सलों की उत्पादकता में बढ़ोतरी हो रही है और कुछ फ़सलों की उत्पादकता में कमी आएगी ।
इस अवसर पर प्राचार्य डॉ० सपना पांडेय द्वारा लिखित पुस्तक रेफ्लेक्शंस ऑफ़ लाइफ एवं कांफ्रेंस के संयोजक डॉ० अरविन्द शुक्ल द्वारा लिखित पुस्तक भारत अमेरिका असैन्य परमाणु करार के बाद दोनों देशों की मध्य बदलते सम्बन्ध का विमोचन भी हुआ । आज कुल दो तकनीकि सत्रों में 36 शोध पत्र प्रस्तुत किए गये । जिनके रिसोर्स पर्सन प्रो० बालकेश्वर ,प्रो० नीतू सिंह, डॉ० अंशूबाला, डॉ० अवनीश उपाध्याय रहे ।
कार्यक्रम के संयोजक डॉ० अरविन्द शुक्ला ने देश के विभिन्न विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालयों से आये हुए अतिथियों एवं समस्त महाविद्यालय परिवार को कार्यक्रम में समर्पित होकर सहभागिता के लिये धन्यवाद ज्ञापित किया । कार्यक्रम का संचालन डॉ० अमित जायसवाल ने किया ।
इस अवसर पर डॉ० सुशील कुमार,डॉ० प्रियंका रानी, धीरेन्द्र सिंह चौहान, डॉ० अंशुबाला, डॉ० रत्नेश विश्वकर्मा, डॉ० अभिषेक गुप्ता डॉ० अमित कुमार मौर्या एवं विभिन्न विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों से आये प्राध्यापकगण, महाविद्यालय परिवार एवं महाविद्यालय की छात्राएं आदि मौजूद रही ।