
बिन्दकी/फतेहपुर । सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज लंका रोड बिन्दकी में सिखों के नवे गुरु,गुरु तेग बहादुर जी का शहीदी दिवस मनाया गया वंदना सत्र में दीप प्रज्वलन के पश्चात गुरु तेग बहादुर जी के चित्र पर प्रधानाचार्य बलराम सिंह तथा अध्यापिका प्रभजीत कौर ने पुष्पांजलि किया ।
सबसे पहले कक्षा 9B की बहन यशी ने कहा गुरुओं का मान रखा जिसने इतिहास नया रचा जिसने हिंद की शान रखी जिसने शीश कटाया था जिसने ना शीष झुकाया था जिसने सबको धर्म का अर्थ बताया लेकिन औरंगजेब ने पाप कमाया 9B की बहन श्रेया पाल ने कहा देश और धर्म का अनूठा वह रखवाला था सिखों का नौवां गुरु बहुत ही निराला था । शीशगंज गुरुद्वारा हमेशा याद दिलाएगा गुरु तेग बहादुर हिंद की चादर कहलाएगा । 11B की बहन प्रियंका सिंह ने कहा गुरु तेग बहादुर जी सिखों के नवे गुरु थे । उन्होंने धार्मिक स्वतंत्रता के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी थी । इसी कारण 24 नवंबर को शहीदी दिवस मनाया जाता है ।
आचार्या प्रभजीत कौर ने सिख धर्म के कई रोचक प्रसंग सुनाए उन्होंने कहा कि जब औरंगजेब का अत्याचार बढ़ रहा था मार काट मची हुई थी । लोगों को जबरदस्ती धर्म परिवर्तन के लिए प्रताड़ित किया जा रहा था । तब सिखों के नवे गुरु श्री गुरु तेग बहादुर जी के समक्ष कश्मीरी पंडितों ने फरियाद रखी ।
उन्होंने कहा कि हमारी बहू बेटियों की लाज खतरे में है । तब उन्होंने हिंदुओं की रक्षा के लिए अपने तीन शिष्यों के साथ दिल्ली पहुंचे उन्हें वहां कैद कर लिया गया कहा गया कि इस्लाम धर्म स्वीकार कर लो या करने के लिए तैयार रहो उन्होंने अपना धर्म छोड़ने से मना कर दिया । उनके शिष्य भाई मती दास को आरे से चिरवा दिया गया । भाई सती दास को रुई में लपेटकर आग से जला दिया गया तथा भाई दयाला सिंह जी को उबलते देग में तलवा दिया गया । बाद में इस्लाम न स्वीकारने पर गुरु तेग बहादुर जी का शीश कलम कर दिया गया आज उसी जगह पर गुरुद्वारा शीशगंज स्थापित है । कार्यक्रम का संचालन मनोज कुमार मिश्र ने किया । इस अवसर पर विद्यालय के प्रधानाचार्य बलराम सिंह,व्यवस्था प्रमुख देवेंद्र, कार्यक्रम प्रमुख प्रभजीत कौर तथा सभी अध्यापक एवं अध्यापिका,छात्र छात्राएं उपस्थित रहे ।