
फतेहपुर । जिलाधिकारी रविन्द्र सिंह ने बताया कि शासन के निर्देशानुसार “उ0प्र0 पर्व–हमारी संस्कृति–हमारी पहचान के अंतर्गत संस्कृति उत्सव_2024” कार्यक्रम तहसील, जनपद मुख्यालय एवं मंडलीय क्षेत्रों में समारोहपूर्वक 02 जनवरी से 26 जनवरी 2025 के मध्य आयोजित किया जाना है,जिसमें 05 जनवरी 2025 तक गांव, पंचायत,ब्लॉक तहसील स्तर के कलाकारों की प्रतियोगिता 8 जनवरी 2025 तक तहसील स्तर के चयनित कलाकारों को जनपद मुख्यालय एवं मंडलीय मुख्यालय स्तर की प्रतियोगिता का आयोजन 12 जनवरी 2025 तक किया जाना है ।
तत्पश्चात चयनित कलाकारों को प्रदेश की राजधानी मुख्यालय लखनऊ में आयोजित प्रतियोगिता में चयन किया जाएगा ।
कार्यक्रम के सकुशल आयोजन हेतु जनपद स्तर के नोडल अधिकारी–जिला विद्यालय निरीक्षक, संयोजक–जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, सदस्य–जिला युवा कल्याण अधिकारी, खंड शिक्षा अधिकारी नगर एवं तहसील/ब्लॉक स्तर के नोडल अधिकारी–उप जिलाधिकारी,संयोजक–तहसीलदार, सदस्य–संबंधित खंड विकास अधिकारी एवं खंड शिक्षा अधिकारी को नामित किया गया है ।
02 जनवरी 5 से 05 जनवरी 2025 तक के कार्यक्रम तहसील मुख्यालय में तहसील खागा में 03 जनवरी, तहसील सदर में 04 जनवरी एवं तहसील बिन्दकी में 05 जनवरी 2025 को प्रतियोगिता होगी । जिसके नोडल/सहायक नोडल जिला विद्यालय निरीक्षक,जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी,प्रतियोगिता के समन्वयक संबंधित तहसील के खंड विकास अधिकारी एवं खंड शिक्षा अधिकारी होंगे ।
7 जनवरी 2025 से 08 जनवरी 2025 तक जनपद मुख्यालय में 7 जनवरी 2025 को प्रतियोगिता होगी जिसके नोडल/सहायक नोडल जिला विद्यालय निरीक्षक, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, प्रतियोगिता के समन्वयक सहायक क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी, जिला युवा कल्याण अधिकारी होंगे ।
प्रतियोगिता में जनपद के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में प्रचलित सांस्कृतिक विधाओं यथा– गायन में शास्त्रीय गायन, ख्याल, ध्रुपद, ठुमरी, दादरा, चैती, चेता, झूला, होरी, टप्पा, लोक गायन में कजरी, चैती, झूला, बिरहा, आल्हा, निर्गुण, लोकगीत, कव्वाली आदि,सुगम संगीत में गीत, गजल, भजन, देशभक्ति गीत एवं अन्य ,वादन में स्वर वाद्य, सुशिर वाद्य बांसुरी, शहनाई, हारमोनियम तंतु वाद्य सितार,वायलिन, गिटार सारंगी, वीणा वादन आदि, ताल वाद्य में तबला,पखावज, दक्षिण भारतीय मृदंगम, घटम आदि, जनजाति वाद्य यंत्र/लोक वाद्य में डफ़ला, नंगाडा, नुक्कड़, मादल, शहनाई, ढोल–ताशा,ढोलक,नाल,चिमटा,हड़का, सिंघा आदि नृत्य में कत्थक, भरत नाट्यम,ओडिसी ,मोहनी अट्टम तथा अन्य शास्त्रीय नृत्य, लोक नृत्य में धोबिया,अहिरवा, करमा, शैला, डोमकच, आखेट नृत्य तथा अन्य जातीय नृत्य आदि एवं लोक नृत्य में नौटंकी,रामलीला,रासलीला , स्वांग, भगत, बहरूपिया, नुक्कड़ नाटक आदि विधाओं में दक्ष कलाकारों का प्रस्तुतीकरण कराया जाएगा ।
उन्होंने बताया कि प्रतियोगिता में प्रतिभागी उत्तर प्रदेश का मूल निवासी हो और अपने ही क्षेत्रांतर्गत प्रतियोगिता स्थल पर प्रतिभाग के सकता है प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने हेतु ऑनलाइन पंजीकरण संस्कृति विभाग के पोर्टल पर किया जाएगा । प्रतिभागी केवल एक ही विद्या में प्रतिभाग कर सकता है । वाद्य यंत्रों की व्यवस्था स्वयं करनी होगी,प्रस्तावित विधाओं के अलावा कोई अन्य प्रस्तुति मान्य नहीं होगी । सभी प्रस्तुतियां पारंपरिक और मर्यादित होनी चाहिए । प्रतियोगिता में सम्मिलित होने के लिए कोई शुल्क देय नहीं होगा । किसी राजनैतिक दल,धर्म,संप्रदाय,जाति या व्यक्ति की भावनाओं को आहत करने वाली प्रस्तुतियां पूर्णतया प्रतिबंधित होंगी ।
उन्होंने कहा कि उल्लिखित कार्य–दायित्वों एवं शासन द्वारा दिए गए दिशा–निर्देशों का भली भांति अनुपालन कराते हुए सम्पूर्ण कार्यक्रमों को सकुशल सम्पन्न कराया जाना सुनिश्चित करे और समय–समय पर दिए गए निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन कराया जाय ।