
– प्रधानाचार्य ने फजीहत से बचने के लिए कहा कि एक माह पूर्व मौखिक कह कर कर दिया था सेवा मुक्त
– प्रधानाचार्य ने कहा मौखिक सेवामुक्त शिक्षक गत सप्ताह प्रैक्टिकल परीक्षाएं कराने के लिए इस लिए बुलाया गया क्योंकि छात्र छात्राओं से परीक्षा के लिए वसूले गए पैसे व पेपर उसी के पास थे ।
बकेवर/ फतेहपुर । शिक्षक समाज का दर्पण होता है । हमारे धर्म ग्रंथों में शिक्षक को पारब्रम्ह परमेश्वर से भी क्षेष्ठ कहा गया है । किन्तु जब वही शिक्षक अनैतिक कार्यों में संलिप्त हो तो बच्चों का भविष्य क्या होगा ? एक बड़ा सवाल है ? ऐसे ही जानकी इंटर कालेज बकेवर के एक शिक्षक का वीडियो वायरल हुआ है । जो शिक्षकों के सम्मान को तार तार करता नजर आ रहा है । वायरल वीडियो में जिस शिक्षक का वीडियो वायरल हुआ है । वह जानकी इंटर कॉलेज बकेवर में साइंस विषय शिक्षा इंटर मीडिएट तक की कक्षाओं को पढाता है ।
हालांकि समाचार पत्र इस वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं करता है । वायरल वीडियो में जानकी इंटर कॉलेज बकेवर का यह साइंस विषय का शिक्षक बीते दिन 07 फरवरी की दोपहर बकेवर चौडगरा हाइवे मे कालेज से लगभग 50 मीटर दूर रजोली गुप्ता की चाय की दूकान के पास शराब के नशे में लगभग 05 घंटे तक बेसुध हालत में पडा जमीन मे लोटता रहा रहा और बडी संख्या में भीड लगी रही ।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया यह शिक्षक नशे में धुत दोपहर कालेज की छुट्टी होने के बाद यहाँ आकर बाइक सहित गिर गया ।शिक्षक इतना नशे में था कि उठ पाना सम्भव नहीं था । नशेबाज शिक्षक यहाँ से गुजरने वालो के लिए चर्चा का विषय रहा ।
स्थानीय लोगों के अनुसार शिक्षक के निवास बैरागी खेडा मे परिजनों को जब सूचना दी गई तब लगभग 4-5 घंटे बाद परिजन उठा कर ले गए । कालेज के कई शिक्षकों ने अपना नाम न प्रकाशित करने की शर्त में बताया कि इस शिक्षक की नियुक्ति प्रधानाचार्य की अनु कम्पा से हुई थी और सभी लोगों को मालूम था कि यह शिक्षक नशे का लती था कालेज समय में भी नशे में प्रायः देखा जाता रहा है ।
इस सम्बन्ध में जब कालेज के प्रधानाचार्य बलवीर सिंह से फोन पर बात की गई तो उन्होंने कहा कि इस शिक्षक को मौखिक रुप से न आने के लिए कह दिया गया था । गत 06 फरवरी को यही शिक्षक छात्रों को साइंस की प्रैक्टिकल परीक्षा दिला रहा था ।
इस पर प्रधानाचार्य का कहना है कि परीक्षा के लिए छात्रों से वसूले गए पैसे व कुछ पेपर उसी के पास थे इस लिए परीक्षा के लिए बुला लिया गया था । प्रधानाचार्य से जब पूछा गया कि मौखिक रूप से सेवा मुक्त करने के आदेश का क्या मायने हैं ? क्या यह विधिक है शिक्षक सेवा मुक्त करने का मौखिक आदेश ? इस पर उन्होंने स्वीकार किया कि विधिक नहीं है ।
प्रधानाचार्य की इस वार्ता से यह बात भी सामने आ गई कि प्रैक्टिकल परीक्षाओं के लिए छात्र छात्राओं से पैसो की भी वसूली की गई है ।
कालेज स्टाफ से यह बात सामने निकल कर आई है कि मौखिक रूप से शिक्षक को कालेज न आने के की बात अपनी फजीहत बचाने के लिए कही जा रही है । मालूम हो कि इस कालेज में को एजूकेशन के तहत छात्र व छात्राएं एक साथ शिक्षा ग्रहण करते हैं ।