
फतेहपुर : डीटीओ ने बताया कि कोरोना संक्रमित व गर्भवती ,नवजात व बुजुर्गों को खतरा ज्यादा रहता है । कोरोना महामारी की दूसरी लहर से संक्रमित हुए लोग व जो व्यक्ति फेफड़े व सांस संबंधी किसी बीमारी से गुजर रहे हैं व जिन्हें ब्लडप्रेशर व एनीमिया की समस्या है । उनके लिए बंद कमरे में अलाव का प्रयोग ज्यादा खतरनाक है । इसके साथ ही बुजुर्गों,बच्चों व गर्भवती की प्रतिरोधक क्षमता बहुत कम होती है । इन लोगों के लिए भी बंद कमरे में अलाव का प्रयोग खतरे की घंटी है । गर्भ में पल रहा शिशु व माँ दोनों के लिए बंद कमरे में अलाव का प्रयोग खतरनाक है । बच्चे वयस्कों की तुलना में अधिक जल्दी-जल्दी सांस लेते हैं । वृद्ध लोगों में भी इस गैस का जोखिम ज्यादा है । इसलिए बिना वेंटीलेशन के कमरे में यह लोग अलाव का प्रयोग न करें ।