
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद ने यूक्रेन में रूसी सेना के दुर्व्यवहार के आरोपों की जांच के लिए एक प्रस्ताव पारित किया है ।
परिषद ने जिनेवा में एक आपातकालीन सत्र में युद्ध अपराध के आरोपों की सुनवाई की । इन युद्ध अपराधों में नागरिकों की हत्या, रेप, प्रताड़ना और जबरन गायब करना शामिल है ।
इस प्रस्ताव के समर्थन में 33 सदस्य देशों ने वोट किया । 12 देश वोटिंग से अनुपस्थित रहे और दो देशों चीन और इरीट्रिया ने प्रस्ताव के ख़िलाफ़ वोट किया । रूस को पिछले महीने परिषद से निलंबित कर दिया गया था । रूस ने पर्यवेक्षक के तौर पर सत्र में शामिल नहीं होने का फैसला किया था ।
वहीं, रूस ने अपनी सेनाओं के दुर्व्यवहार करने के आरोपों से इनकार किया है । रूस ने इस प्रस्ताव की निंदा की है । संयुक्त राष्ट्र में रूस की राजदूत गिनाडी गिटिला ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स से कहा,
”इस देश में संकट के असली कारणों पर चर्चा करने और समाधान के रास्ते तलाशने के बजाए,पूरा पश्चिम रूस को बदनाम करने के लिए एक और राजनीतिक रास्ता तैयार कर रहा है ।”
चीनी राजदूत ने भी इसकी निंदा की । उन्होंने इसे परिषद का ”राजनीतिकरण” बताया और कहा कि ये प्रस्ताव यूक्रेन के संकट को और बढ़ाएगा ।