
फतेहपुर । देवमई विकास खंड के ग्राम दुबेपुर स्थित कम्पोजिट विद्यालय में दिव्यांग शौचालय शासन के ओडीएफ होने को मुंह चिढ़ा रहा है । दिव्यांग छात्र मजबूर होकर खुले में शौच के लिए मजबूर हैं । इतना ही नहीं विद्यालय में लगे हैण्ड पम्प के निकल रहे विषैला पानी छात्र-छात्राओं के स्वास्थ्य को हानि पहुंचा रहा है ।
दिव्यांग शौचालय के सम्बन्ध में बताया गया है कि पूर्व प्रधान के समय में इसकी नींव रखी गई थी । वर्तमान प्रधान मंजूषा पाल का लम्बा कार्यकाल हो चुका है । लेकिन यह अधूरा शौचालय आज भी अपने पूर्ण निर्माण की बांट जोह रहा है ।
इस सम्बन्ध में कम्पोजिट विद्यालय दुबेपुर के प्रधानाध्यापक अखिलेश कुमार ने खंड शिक्षाधिकारी देवमई प्रवीन शुक्ला को दिए गए पत्र में बताया है कि विद्यालय में लगा हैण्ड पम्प पीला व गंदा विषैला पानी दे रहा है ।
दिव्यांग शौचालय भी अधूरा है । एक प्रधान का कार्यकाल खत्म होने के बाद वर्तमान प्रधान के भी चलरहे कार्यकाल में भी नहीं पूर्ण कराया जा रहा है । यह तो एक उदाहरण गांव दुबेपुर का है ऐसे ही कई गांव इस विकास खंड में है जो कागज़ों में ओडीएफ है ।लेकिन हकीकत कुछ और ही है । गांवों में जियो टैगिंग में प्रधानों से सांठगांठ कर गलत रिपोर्टिंग की भी खबरें हैं । जिला प्रशासन के लिए जांच का विषय है । जब एक शिक्षा मंदिर के शौचालय का यह हाल है तो इससे सहज ही जिला प्रशासन को जान लेना चाहिए कि अन्य जगहों में कैसा होगा ।
खण्ड शिक्षा अधिकारी देवमई प्रवीण कुमार शुक्ला ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि ग्राम प्रधान की लापरवाही से दिव्यांग शौचालय अधूरा है । हैण्ड पम्प पीला प्रदूषित पानी दे रहा है । उन्होंने बताया कि इस सम्बन्ध में खण्ड विकास अधिकारी देवमई को एक पत्र भेजकर अवगत करा दिया गया है ।