कानपुर देहात । विलुप्त होते वन्य जीव,पेड़ पौधे,घटता जल स्तर,कोयला भण्डार आदि प्राकृतिक चीजों के संरक्षण हेतु विश्व प्रकृति दिवस मनाया जाता है । प्रकृति वास्तव में ईश्वर का अमूल्य उपहार है इसका संरक्षण करना हमारे संविधान के अनुच्छेद 51ए की उपधारा 6 से मूल कर्तव्य है ।
उक्त बात पर्यावरण मित्र नवीन कुमार दीक्षित ने उच्च प्राथमिक विद्यालय सिठमरा में बच्चों को प्रकृति का महत्व समझाते हुए कही ।
इस अवसर पर प्रधानाध्यापक शनेद्र सिंह तोमर ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन प्रोजेक्ट टाइगर एवं सिंगल 1 जुलाई से यूज प्लास्टिक पर रोक प्रकृति संरक्षण का ही हिस्सा है ।इस साल सरकार ने थीम रखी है वन आजीविका लोगों तथा प्रकृति को बनाए रखना पालीथिन से धरती को बचाना है ।पालीथिन मुक्ति का थीम है कट डाउन ऑन प्लास्टिक यूज , पालीथिन 200 साल में सढ़ता है और 8 पीढ़ियों से अधिक का जीवन खराब करता है खेतों में पहुंच कर यह वर्षा जल एवं धूप को जमीन में नहीं जाने देता बीज को ढक लेता है उसे उगने नहीं देता नालियों को जाम करके मच्छर जनित बीमारियां डेंगू,मलेरिया,फाइलेरिया,चिकनपाक्स,जीका पैदा करता है और इलाज खर्च से गरीबी बढ़ती है ।
इस अवसर पर शिक्षक मायादेवी गुंजन पांडेय अनुदेशक प्रियंका तथा बच्चों ने प्रकृति माता के संरक्षण की शपथ ली ।