
रिपोर्ट जी० एम० हुसैन अली
उरई (जालौन) । मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एन.डी. शर्मा द्वारा प्रातः 10:00 बजे जिला चिकित्सालय जालौन स्थान उरई में ओपीडी का औचक निरीक्षण किया गया ।
ओपीडी में डॉ० शक्ति मिश्रा, डॉ० संजीव अग्रवाल, डॉ० एस. पी. सिंह, डॉ० संजीव गुप्ता ओपीडी में रोगियों को देख रहे थे । मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा स्वयं ओपीडी में 08-10 रोगियों को देखा गया । मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. अवनीश बनौदा के साथ सभी ओपीडी कक्षों का निरीक्षण किया गया । रोगियों से वार्ता की गयी एवं पूछा गया कि किसी रोगी को बाहर से कोई दवा तो नहीं लिखी जा रही हैं,कोई जाँच तो बाहर से नहीं करायी जा रही है ?
अधिकांश रोगियों एवं तीमारदारों द्वारा बताया गया कि सभी दवायें चिकित्सालय से ही उपलब्ध करायी जा रहीं हैं एवं जांचें भी चिकित्सालय में ही हो रही हैं । रोगियों द्वारा पर्चा दिखया गया ।जिसमें डा० दीपक आर्या द्वारा बाहर से दवा लिखी हुई थीं । मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा निर्देशित किया कि डॉ० दीपक आर्या से स्पष्टीकरण प्राप्त किया जाये एवं भविष्य में इस प्रकार की पुनरावृत्ति नहीं की जायेगी तब तक इनका वेतन आहरित न किया जाये । ओपीडी में डॉ० दीपक आर्या एवं डॉ० बी.पी. सिंह,ईएनटी सर्जन उपस्थित नहीं थे ।
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक द्वारा अवगत कराया गया कि दोनों चिकित्सक अवकाश पर हैं । फिजियोथेरेपी कक्ष में फिजियोथेरेपिस्ट एप्रन नहीं पहने हुई थी । उसको हिदायत दी गयी कि ड्रेस कोड का पालन करें एवं रोगियों की भीड़ न लगायें इसके लिये अपॉइन्टमेन्ट रजिस्टर बनायें एवं रोगियों को निर्धारित समय पर ही बुलायें ताकि उनको इन्तजार न करना पडे ।
डॉ० शक्ति मिश्रा के कक्ष में काफी भीड़ थी, उनको निर्देशित किया गया कि रोगियों को बारी-बारी से देखने हेतु कक्ष में बुलायें तथा एक कर्मचारी कक्ष के गेट पर बैठकर आने वाले रोगियों की कतार लगायें जिससे रोगियों का कम सुनिश्चित हो सके । सभी चिकित्सा अधिकारी एवं कर्मचारियों को निर्देश दिये गये कि किसी भी रोगी को बाहर की जॉच / दवा न लिखें । आने वाले रोगियों से मृदुल व्यवहार करने एवं समुचित साफ-सफाई रखने तथा पेयजल हेतु समुचित व्यवस्था कराने हेतु मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को निर्देशित किया गया ।