
चुनाव आयोग ने शनिवार को शिवसेना के चुनाव चिन्ह धनुष-तीर और नाम पर रोक लगा दी ।
इसके बाद उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने पार्टी के तीन नाम और एक चुनाव चिन्ह के लिए आयोग के फ़ैसले को चुनौती देते हुए पत्र लिखा है ।
उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने नाम के लिए तीन विकल्प दिए हैं –
शिवसेना (बालासाहेब ठाकरे)
शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे)
शिवसेना (बालासाहेब प्रबोधंकर ठाकरे)
इसके साथ ही उद्धव ठाकरे गुट की ओर से पार्टी के चुनाव चिन्ह के लिए भी तीन प्रस्ताव दिए गए हैं –
त्रिशूल
उगता सूरज
मशाल
इन में से एक भी चिन्ह चुनाव आयोग की सूची में शामिल नहीं है ।
उद्धव ठाकरे ने रविवार को फ़ेसबुक लाइव के जरिए कार्यकर्ताओं और समर्थकों से बात की । इसी दौरान उन्होंने बताया कि पार्टी ने आयोग से मशाल,त्रिशूल और उगता सूरज,इन तीन चिन्हों की मांग की है ।
फ़िलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि आयोग की सूची में इन चिन्हों के न होने पर आगे क्या होगा और क्या चुनाव आयोग इन्हीं में से एक चिन्ह उद्धव ठाकरे गुट को दे सकता है या नहीं ।
शनिवार को चुनाव आयोग के फैसले के बाद रविवार को शिवसेना नेताओं की एक बैठक मातोश्री में हुई । उद्धव ठाकरे की मौजूदगी में करीब डेढ़ घंटे चली । इस बैठक में शिवसेना की अगली रणनीति को लेकर चर्चा हुई ।
बैठक में इस बात पर भी चर्चा हुई कि अगर चुनाव आयोग ने शिवसेना को उनकी पसंद का चुनाव चिन्ह नहीं दिया तो मामला हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट तक जा सकता है ।
ठाकरे ने कहा कि उन्होंने ये तीन सुझाव इसलिए दिए हैं क्योंकि ये पार्टी की विचारधारा से मिलते हैं । उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग के पास जो चिन्ह हैं वो पार्टी की विचारधारा से मेल नहीं खाते ।
उधर, आगे के विकल्पों और रणनीति को लेकर शिंदे गुट ने भी रविवार को बैठक की ।
शिंदे सरकार में मंत्री उदय सामंत ने कहा,
“असल अन्याय हमारे साथ हुआ है । हम असली शिवसेना हैं क्योंकि हमारे पास बहुमत है । हमें इसकी उम्मीद नहीं थी इसलिए हम इसके लिए तैयार भी नहीं थे । एकनाथ शिंदे पार्टी के नाम और चिन्ह को लेकर फैसला करेंगे ।”