
फतेहपुर : शहर में दो दिन पूर्व पकड़े गए लाखों रुपए के जुए की फड़ की पोल खुलती जा रही है । पुलिस ने भले ही इस गैंबलिंग के मामले में बड़ा खुलासा किए जाने का दावा किया हो लेकिन पर्दे के पीछे की जो कहानी उभरकर सामने आ रही है ।
उसे जानने के लिए हर कोई बेताब है आखिर बेहद शातिराना तरीके से चलने वाले इस जुआं के नाजायज कारोबार की सटीक पोल कैसे खुल गई यह बात किसी के गले नहीं उतर रहा ।
पुलिस के नाक के नीचे कई महीनों से जुआ हो रहा था पुलिस के सारे मुखबिर फेल थे । लेकिन आखिर ऐसा क्या हुआ कि पुलिस का मुखबिर इतना तेज हो गया कि आखिर बंद मकान में चल रहे लाखों रुपए के जुड़े और नामी-गिरामी लोगों की मौजूदगी की भनक पुलिस को लग गई पर्दे के पीछे की कहानी जो उभरकर सामने आई बताया जाता है कि मुखबिर खास का लिखा पढ़ी में नाम दर्ज नहीं है । लेकिन जिस शख्स ने मुखबिरी कि वह कोई आम शख्स नहीं मुखबिरी करने वाले इस शख्स और गैंबलिंग कारोबारियों के बीच काफी समय से चल रही डील का परिणाम बताया जाता है ।
बताया जाता है कि कई बार डील पक्की भी हुई और गैंबलिंग का कारोबार चलता रहा लेकिन इस बार डील पक्की नहीं हुई इसी बात को लेकर मुखबिर नाराज हो गया मुखबिरी करने वाले शख्स ने सोचा यदि यह मुखबिरी पुलिस के निचले स्तर पर की जाती है तो कहीं ना कहीं मुखबिर लीक हो सकती है । जिससे उसने सीधे आला अफसरों को इसके लिए चुना और बाकायदा उस मकान की फोटो और वीडियो ग्राफ भी उपलब्ध करा दी वो भी इस लिए की कही पिछली बार की तरह झूठा न हो और पुलिस की किरकिरी न हो जैसा कि पिछले बार मलवां के डीजल गैंग के खुलासे में हो चुका है । पुलिस के अफसरों के निर्देशों के बाद पुलिस ने वहां छापेमारी की अधिकारियों ने क्राइम ब्रांच से कोई मदद नहीं ली बल्कि सीधे-सीधे कोतवाली पुलिस को लगा दिया और पर्दे के पीछे से यह भी बता दिया कि यदि यह सब चलता रहा तो बर्दाश्त नहीं होगा लिहाजा पुलिस मौके पहुंच गई और गैंबलिंग के इन कारोबारियों का खुलासा हो गया फिलहाल मुखबिर अपने मकसद में कामयाब हो गया और पुलिस का यह बड़ा गुड वर्क भी सामने आ गया लेकिन पर्दे के पीछे की कहानी को लेकर तरह-तरह की चर्चाओं का बाजार गर्म है पार्टी के गुटबाज नेताओं ने भी अपने रफ्तार तेज कर दी बताया जाता है कि पार्टी में व्याप्त गुटबाजी के चलते भी इस गैंबलिंग के मामले में पुलिस को काफी आसानी हुई और यही वजह है कि उसने भाजपा के एक युवा नेता को पूरे तरीके से धराशाई कर दिया युवा नेता के कैरियर पर बट्टा लगा दिया । युवा नेता भले ही जुआं का संचालक ना हो और जुआ खेलने में सहभागिता न निभाता हो लेकिन उसके तार गैंबलिंग की इस दुनिया में जुड़े थे ।
यही वजह है कि देर रात तक सत्ता से जुड़े लोगों के बीच कौतूहल बन गया और युवा नेता को सियासत के जाल में निपटाने में आसानी हो गई और सब कुछ आम तरीके से निपट गया बाद में कोविड-19 का हवाला देकर पुलिस ने संगीन धाराएं तो लगाएं लेकिन कोतवाली से ही सारे लोगों की जमानत भी दे दे गैंबलिंग के इन कारोबारियों की जमानतें थाने से हो जाने के बाद सत्ता के गलियारों से लेकर मुखबिर खास को लेकर तमाम कयास लगाये जा रहे है । एक गुट मुखबिर से सख्त नाराज है तो दूसरा उसे संरक्ष्ण देने में लगा है।