
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने गुरुवार को चेतावनी देते हुए कहा है कि दुनिया इस समय द्वितीय विश्व युद्ध के बाद संभवत: सबसे ख़तरनाक दशक से गुज़र रही है ।
पुतिन ने अपने इस भाषण में एक बार फिर यूक्रेन पर रूसी आक्रमण वाले फ़ैसले को सही ठहराने की कोशिश की जिसके चलते रूस दुनिया में अलग-थलग पड़ गया है ।
पुतिन ने पश्चिमी देशों पर रूस को अलग-थलग करने के लिए परमाणु हथियारों से ब्लैकमेल करने का आरोप भी लगाया ।
वहीं, पश्चिमी देशों ने दबे-छिपे अंदाज़ में परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की रूसी धमकियों की निंदा की है ।
इसके साथ ही यूरोपीय देशों के सैन्य गठबंधन नेटो ने इस हफ़्ते की शुरुआत में रूस के उन आधारहीन दावों की भी निंदा की है जिनमें रूस ने कहा है कि यूक्रेन डर्टी बम का इस्तेमाल कर सकता है ।
डर्टी बम से आशय रेडियोएक्टिव पदार्थों से लैस पारंपरिक विस्फोटक से है ।
नेटो महासचिव जेन्स स्टोल्टेनबर्ग ने कहा है कि नेटो सदस्य इस “आरोप को ख़ारिज” करते हैं । इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि “रूस को इसे आधार बनाकर संघर्ष को बढ़ाना नहीं चाहिए ।”
पुतिन ने ‘वलडाई फोरम’ नामक वार्षिक कार्यक्रम में ये भाषण एक ऐसे समय पर दिया है जब यूक्रेन में सात महीनों से जारी युद्ध में होते नुकसानों और हाल ही में तीन लाख लोगों को युद्ध में भेजने के एलान से लोगों में नाराज़गी बढ़ रही है ।
इस भाषण से ठीक एक दिन पहले उन्होंने एक रूटीन न्यूक्लियर एक्सरसाइज़ को देखा जिसमें दुश्मन की ओर से भारी परमाणु हमले के बाद परमाणु हमले से पलटवार करने की एक्सरसाइज़ शामिल थी ।
पुतिन ने अपने ऊपर लगाए जा रहे परमाणु हमले की धमकियों के आरोप पर कहा है, “हमने कभी भी आगे बढ़कर रूस की ओर से परमाणु हथियारों के संभावित इस्तेमाल पर कुछ नहीं कहा है । हमने सिर्फ पश्चिमी देशों के नेताओं के बयानों पर संकेतों में जवाब दिया है ।”