
बिन्दकी-फतेहपुर : जनपद फतेहपुर की तहसील बिन्दकी कस्बा का है । जहाँ लॉकडाउन में फल,दूध,सब्जी,किराना,मेडिकल आवश्यक वस्तुओं इत्यादि के अलावा बाकी दुकानों को खोलने पर जिला प्रशासन द्वारा प्रतिबन्धित किया गया है ।
उसके बावजूद भी प्रशासन के सख्त निर्देशों को दरकिनार करते हुए बिन्दकी नगर के बजाजा गली में स्थित रामेश्वर गुप्ता तिरपाल एवं कपड़ा विक्रेता द्वारा खुले ,दुकान के बाहर दो बजकर छप्पन मिनट सोलह सेकंड में तिरपाल बेचते हुए दिखाई पड़े ।
जबकि जरूरत के सामान की बिक्री के लिए बारह बजे तक की समय सीमा निर्धारित की गई है ।
जिसके बाद भी प्रतिबन्धित दुकानों का खुलना स्थानीय प्रशासन पर सवालिया निशान खड़े करता है तो इसी क्रम में बिन्दकी नगर की “जुताही गली” की अगर हम बात करें तो वहां भी दोपहर “दो बजकर उनसठ मिनट छियालिस सेकंड” में हाजी मुश्ताक फुट वियर, गुड्डू फुट वियर ,शानू फुट वियर जैसी दर्जनों दुकानें खुली हुई पाई गयीं ।
जहां पर भारी तादाद में दुकानों के अन्दर ग्राहकों की भीड़ इकट्ठा कर बाहर से दुकानों का ताला मारकर दुकान के बाहर बैठ जाते हैं और दुकान के अन्दर काम नौकर ग्राहकों को सामान बांधकर अन्दर से कोड वर्ड कहता है । जिसके बाद बाहर बैठे उनके आका दुकान का ताला खोल सटर खोल ग्राहकों को बाहर निकालते हुए दिखाई पड़ जाते हैं । जबकि इससे पहले कई दुकानदारों पर मुकदमा भी दर्ज किया गया है । उसके बावजूद दुकानदारों द्वारा अपनी हरकतों से बाज नहीं आये और दोबारा दुकान खोलकर बैठ रहे हैं । जिसके बाद पुनः दुकानदारों ने दुकान खोली तो बिन्दकी थाना प्रभारी ने एक हजार रुपये का जुर्माना काट दिया । जिसके बाद उक्त दुकानदार थानाध्यक्ष के पैरों पर गिरकर अपनी गलती की माफी मांगते नजर आए । उसके बाद भी गुरुवार की दोपहर फिर से उसी गलती को दोहराते हुए दिखाई पड़ गए । चंद पैसों के चक्कर में चंद लोग पूरे नगर को मौत के मुँह में धकेलने का काम कर रहें हैं ।
अगर हम बात करें तो सबसे ज्यादा इस तरह से अगर दुकानें कहीं खुलती हैं तो वो है जुताही गली,किराना गली,बर्तन गली, सराफा गली ,बजाजा गली, जो मुख्य रूप से फेमस हैं तो वहीं दूसरे नम्बर में लम्बरदार भवन की गलियों में जो दुकानें हैं वो तो रात तक संचालित होती नजर आती हैं । जहां पर प्रशासन आसानी से नहीं पहुंच पाता यदि जाता भी है तो सभी दुकानदार अपनी दुकानें बन्द कर दूसरी गली से भाग जाते हैं ।
एक तरफ देश में कोरोना मरीजों का ग्राफ घटा है तो स्थानीय प्रशासन भी उसी ग्राफ को देखते इतनी लापरवाही लगातार बरत रहा है ।
कहीं ऐसा न हो कि जिस तेजी के साथ देश में कोरोना मरीजों का ग्राफ कुछ कम हुआ अगर इसी तरह से प्रशासन लापरवाही बरतता रहा तो कहीं इससे भी दो गुना रफ्तार से कोरोना मरीजों में इजाफा न होने लगे जिसे प्रशासन सम्भाल पाने में पूरी तरह से फेल हो जाये ।
यदि समय रहते समय से उक्त मामलों को नियंत्रण न किया गया तो इसके परिणाम आगे चलकर भयावह हो सकते हैं । जिसका खामियाजा सभी को भुगतना पड़ सकता है ।
अब देखना यह है कि ऐसे बड़े दुकानदार जो गैर जिम्मेदाराना तरीके से अपनी हरकतों को अन्जाम दे रहें । इन पर प्रशासन किस तरह से कड़ा रुख अपनाएगा । जिससे कि ये बड़े दुकानदार अपनी हरकतों से बाज आ सकें या फिर लीपापोती कर मामले को संक्रमित कर दिया जाएगा ।