
बिन्दकी-फतेहपुर : एक दशक बीत जाने के बावजूद भी अब तक बिंदकी बाईपास पूरी तरह से अधूरा पड़ा है । जब उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी थी तो आशा जगी थी कि अब बाईपास बन जाएगा लेकिन अभी भी बाईपास नहीं बन पाया । जिसको लेकर लोगों में नाराजगी का माहौल बना हुआ है ।
नगर का बिंदकी बाईपास एक दशक बीत जाने के बावजूद भी अभी तक पूरा नहीं बन पाया है ।
जिसके चलते आवागमन में भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है । नगर के अंदर जाम लगता रहता है । आए दिन दुर्घटनाएं होती हैं । लोग मौत का शिकार भी हो जाते हैं ।बाईपास बनवाने के लिए कई बार नगर व क्षेत्र के लोगों ने मांग उठाई लेकिन अभी तक बाईपास पूरी तरह से बनने का सपना नहीं पूरा हो पाया । इस समस्या को लेकर लोगों में लगातार नाराजगी बनी हुई है ।
बताते चलें कि नगर के निकट जय गुरुदेव मंदिर के पास से कुंवरपुर रोड में फायर ब्रिगेड के पास से होते हुए यह बाईपास नगर के काशीराम कॉलोनी तथा मां ज्वाला देवी मंदिर के पास पुनः मुख्य मार्ग में जुड़ना है लेकिन इसे बदकिस्मती नहीं तो और क्या कहेंगे कि वर्ष 2010-11 में लगभग 8 करोड रुपए की कीमत से बनने वाला 5 किलोमीटर का बाईपास अभी भी मात्र एक स्थान पर बमुश्किल 200 मीटर की लंबाई में अधूरा पड़ा है । जब उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी थी तो लोगों को आशा जगी थी कि अब बाईपास बन जाएगा आवागमन चालू हो जाएगा ।लोगों की समस्याएं हल होगी लेकिन समस्या ज्यों का त्यों बनी हुई है ।
बताते चलें कि यह बाईपास जब उत्तर प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी की सरकार थी । उस समय नसीमुद्दीन सिद्दीकी लोक निर्माण विभाग सहित कई प्रमुख विभागों के कैबिनेट मंत्री थे । उनके प्रयासों से यह बाईपास बनना प्रारंभ हुआ था । इसमें लगभग 300 से अधिक किसानों की जमीन ली जा चुकी है । हालांकि कुछ ऐसे स्थान है । जहां पर बाईपास की सड़क तो बन गई है । लेकिन किसानों को अब तक मुआवजा नहीं मिला जिससे किसान परेशान हैं । वहीं दूसरी ओर नगर के कुंवरपुर रोड फायर ब्रिगेड के समीप केवल 200 मीटर बाईपास अधूरा पड़ा है । जिसके कारण करोड़ों रुपए की खर्च के बावजूद अभी बाईपास अधूरा है । यह जमीन किसान कर्मेंद्र सिंह की है ।
उनके अनुसार सरकार उन्हें सर्किल रेट के हिसाब से मुआवजा दे और जमीन लेकर सड़क बनवाने का काम शुरू करें ।
वही बताते चलें कि बहुजन समाज पार्टी की सरकार के बाद पूरे 5 साल समाजवादी पार्टी की सरकार रही थी लेकिन रंच मात्र भी बाईपास में काम नहीं हुआ था । जिसको लेकर भी लोगों में पीड़ा है ।
इसके बाद भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी लोगों को पूरी आशा थी कि अब बाईपास जरूर बनेगा लेकिन उसी प्रकार की स्थिति बनी हुई है । ताज्जुब की बात तो यह है कि तमाम अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को अभी भी यह तक नहीं मालूम है कि जिस स्थान पर बाईपास अधूरा है वह कहां है ।
इस गंभीर समस्या को लेकर अधिकारी और जनप्रतिनिधि पूरी तरह से अनदेखी करते रहते हैं । निश्चित रूप से उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के महज 1 वर्ष बचे हैं ऐसी स्थिति में यह स्थानीय मुद्दा सत्ता पक्ष के लिए चुनौती बन सकता है ।
इस संबंध में कुंवरपुर रोड निवासी रमेश प्रसाद ने कहा कि जनप्रतिनिधियों को तथा प्रशासनिक अधिकारियों को इस मामले को गंभीरता से ले कर अविलंब अधूरा बाईपास बनवाना चाहिए । अन्यथा आगामी चुनाव में इसका प्रभाव पड़ सकता है ।