
– जनपद की कुल 834 ग्राम पंचायतों में दो तिहाई सदस्य निर्वाचित न होने से असंगठित 372 गांवों के नवनिर्वाचित प्रधान नहीं ले सके शपथ ।
रिपोर्ट – रवीन्द्र त्रिपाठी
फतेहपुर : शासन द्वारा पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार आज जनपद के ग्राम प्रधानों पर जिला पंचायत सदस्यों ने अपने पद व गोपनीयता की शपथ ली । फतेहपुर जनपद के 13 विकास खंडों में 450 नवनिर्वाचित ग्राम प्रधानों ने अपने पद की शपथ ली जबकि 372 ग्रामों में असंगठित होने के कारण शपथ नहीं दिलाई जा सकी ।
शपथ के दौरान निर्वाचित सदस्यों ने कहां कि मैं ईश्वर की शपथ लेकर तथा सत्य निष्ठा से प्रतिज्ञा करता हूं कि मैं विधि द्वारा स्थापित भारत के संविधान के प्रति सच्ची श्रद्धा और निष्ठा करूंगा । मैं भारत की प्रभुता और अखंडता अक्षुण्य रखूंगा और मैं ग्राम पंचायत प्रधान/जिला पंचायत सदस्य पद के अपने कर्तव्यों का भय या पक्षपात अनुराग या द्वेष के बिना अपने दायित्वों का श्रद्धा पूर्वक निर्वहन करुंगा । अतः ईश्वर मुझे सामर्थ्य दे ।
मालूम हो कि जनपद फतेहपुर के विकास खंड ऐंरायां में ग्राम प्रधान के 56 पद थे । जिसमें संगठित 32 ग्राम सभाओं के नव निर्वाचित ग्राम प्रधानों को उनके पद व गोपनीयता की शपथ दिलाई गई । जबकि असंगठित होने की वजह से 24 ग्राम प्रधानों को शपथ नहीं दिलाई जा सकी ।
इस तरह अमौली विकासखंड की 66 ग्राम सभाओं में निर्वाचित 27 ग्राम प्रधानों को शपथ दिलाई गई । जबकि असंगठित ग्रामों के 39 निर्वाचित ग्राम प्रधानों को शपथ से वंचित रहना पड़ा ।
इसी तरह असोथर विकासखंड में 44 ग्रामों के सापेक्ष 28 नवनिर्वाचित ग्राम प्रधानों को शपथ दिलाई गई । जबकि असंगठित होने के कारण 16 ग्राम पंचायतों के नवनिर्वाचित प्रधान शपथ से वंचित रहे ।
बहुआ विकास खंड की 59 ग्राम सभाओं में 35 संगठित ग्राम सभाओं के निर्वाचित ग्राम प्रधानों को शपथ दिलाई गई । जबकि असंगठित ग्राम पंचायतों के 24 प्रधान शपथ से वंचित रह गए ।
भिटौरा विकासखंड की 81 ग्राम पंचायतों में 35 संगठित ग्राम पंचायतों के नवनिर्वाचित प्रधानों को शपथ दिलाई गई जबकि 46 ग्राम सभाओं के असंगठित होने से उनके नवनिर्वाचित ग्राम प्रधानों को शपथ से वंचित रहना पड़ा ।
इसी क्रम में देवमई विकासखंड के 60 ग्राम पंचायतों में 21 संगठित ग्राम पंचायतों के नवनिर्वाचित प्रधानों को शपथ दिलाई गई । जबकि 28 असंगठित ग्राम सभाओं के नव निर्वाचित ग्राम प्रधानों को शपथ से वंचित किया गया ।
इसी देवमई विकासखंड की 11 ग्राम पंचायतें ऐसी हैं जिनके निर्वाचन प्रमाण पत्र संबंधित आर.ओ. द्वारा अभी तक अभिलेख उपलब्ध नहीं कराए गए हैं । जिससे इन ग्राम पंचायतों के नवनिर्वाचित प्रधानों को शपथ नहीं दिलाई जा सकी ।
धाता विकासखंड की 68 ग्राम सभाओं में 42 संगठित ग्राम पंचायतों के नवनिर्वाचित प्रधान को शपथ दिलाई गई ।असंगठित 26 ग्राम पंचायतों के प्रधानों को इससे वंचित रहना पड़ा ।
हसवां विकासखंड की 58 ग्राम पंचायतों के ग्राम प्रधानों को शपथ दिलाई गई वही असंगठित ग्राम पंचायतों के 25 ग्राम प्रधानों को शपथ नहीं दिलाई जा सके ।
हथगाम विकासखंड के 75 ग्राम पंचायतों में 50 संगठित ग्राम पंचायतों के नवनिर्वाचित प्रधानों को शपथ दिलाई गई । जबकि असंगठित 25 ग्राम पंचायतों के प्रधानों को शपथ नहीं दिलाई जा सकी ।
खजुहा विकासखंड की 74 ग्राम पंचायतों में संगठित 41 ग्राम पंचायतों के निर्वाचित ग्राम प्रधानों को शपथ दिलाई गई ।जबकि असंगठित होने की वजह से 33 ग्राम सभाओं के नव निर्वाचित ग्राम प्रधानों को शपथ से वंचित रहना पड़ा ।
विजयीपुर विकासखंड की 64 ग्राम पंचायतों में 32 संगठित ग्राम पंचायतों के नवनिर्वाचित प्रधानों को शपथ दिलाई गई। जबकि 32 असंगठित ग्राम पंचायतों के नव निर्वाचित ग्राम प्रधानों को वंचित रहना पड़ा ।
मलवां विकासखंड की 72 ग्राम पंचायतों में 39 ग्राम पंचायतों के नवनिर्वाचित प्रधानों को शपथ दिलाई गई । जबकि असंगठित 35 गांव के नवनिर्वाचित ग्राम प्रधानों को सपथ से वंचित रहना पड़ा ।
मलवां विकासखंड की 72 ग्राम पंचायतों में 39 संगठित ग्राम पंचायतों के ग्राम प्रधानों को शपथ दिलाई गई । जबकि असंगठित 33 ग्राम पंचायतों के प्रधानों को वंचित रहना पड़ा ।
इसी तरह तेलियानी विकासखंड की 57 ग्राम पंचायतों के संगठित 35 ग्राम पंचायतों में नवनिर्वाचित प्रधानों को शपथ दिलाई गई । जबकि असंगठित ग्राम पंचायतों के 22 नवनिर्वाचित ग्राम प्रधानों को शपथ से वंचित रहना पड़ा ।
जनपद के 13 विकास खंडों में कुल 834 ग्राम पंचायतों में निर्वाचन हुआ था । जिसमें 450 संगठित ग्राम पंचायतों के नवनिर्वाचित प्रधानों को पद की शपथ दिलाई गई । वही असंगठित होने की वजह से 372 ग्राम पंचायतों के नवनिर्वाचित प्रधानों को शपथ नहीं दिलाई जा सकी । जिन ग्राम पंचायतों के नवनिर्वाचित ग्राम प्रधानों को शपथ नहीं दिलाई जा सकी । उन ग्राम पंचायतों में दो तिहाई से कम ग्राम पंचायत सदस्यों की संख्या है ।
जबकि पंचायती राज्य अधिनियम के तहत हो प्रत्येक ग्राम सभा में दो तिहाई ग्राम पंचायत सदस्यों का निर्वाचित होना आवश्यक है ।