
फतेहपुर : कभी औद्योगिक नगरी के नाम से प्रदेश समेत पूरे भारत में मशहूर बिंदकी नगर इन दिनों जमीन पर अवैध कब्जे को लेकर चर्चा में छाया हुआ है ।
बिंदकी नगरवासियों की माने तो एक के बाद एक बेशकीमती जमीनों पर गिद्ध की तरह नजर गड़ा कर व सत्ता की हनक के बल पर अवैध कब्जों का सिलसिला जो करीब 02 वर्षों से शुरू हुआ वह दिन पर दिन परवान चढ़ता जा रहा है । लोगों की माने तो करीब 2 वर्षो के अंदर बिंदकी नगर में जमीन कब्जे को लेकर चर्चा में आए तथाकथित बिंदकी विधायक के प्रतिनिधि विपिन पटेल की लगभग सभी अवैध कब्जों में नाम जोड़ा जाना और बिंदकी नगर प्रशासन कि मौन सहमति व भारतीय जनता पार्टी के बिन्दकी विधायक करण सिंह पटेल समेत भाजपा जिला संगठन का इस मामले पर चुप रहना खासा चर्चा का विषय बना हुआ है ।
बिंदकी नगर के लोगों का तो यहां तक कहना है कि सत्ता की हनक के चलते जमीनों पर कब्ज़ा किया जा रहा है । जो भारतीय जनता पार्टी की साख पर बट्टा लगाने जैसा है । लोगों का कहना रहा कि जिस तरीके से जमीनों पर अवैध कब्जे किए जा रहे हैं । उससे उनके अंदर भी भय व्याप्त होता जा रहा है ।
नगर के लोगों का कहना रहा कि भारतीय जनता पार्टी में अपने आप को सुरक्षित समझने वाले लोग अब भाजपा नेताओं से डरने लगे है ।
अगर यही हाल रहा तो भारतीय जनता पार्टी का वजूद कब खतरे में पड़ जाए कुछ कहा नहीं जा सकता ।
एक तरफ प्रदेश की योगी सरकार भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश में गिरती साख को लेकर चिंतित है । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पार्टी की गिरती साख को बचाने के लिए जहां मंथन कर रहे हैं और पार्टी के उच्च पदाधिकारियों से बातचीत कर प्रदेश की सियासत में बड़ा फेरबदल करने की रणनीति तय कर रहे हैं तो वही बिंदकी नगर के विधायक करण सिंह पटेल का नाम जमीनों पर कब्जे को लेकर बार बार आना भाजपा की जनपद में राह मुश्किल करती है ।
अगर ऐसा ही हाल रहा तो 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को कड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है । जहां राष्ट्रीय एवं प्रदेश संगठन भारतीय जनता पार्टी को मजबूत करने में जुटी है ।
वही विधायक करण सिंह पटेल का अवैध जमीनों में कब्जे को लेकर नाम जोड़ा जाना गंभीर विषय है ।
लगातार अखबारों एवं सोशल मीडिया में जमीन पर अवैध कब्जे को लेकर सुर्खियां बटोर रहे भारतीय जनता पार्टी के नेता इस ओर गंभीर नजर नहीं आते,जिसकी बदौलत आज बिंदकी नगर समेत पूरे जनपद में भारतीय जनता पार्टी की मंशा पर सवाल खड़े करता है ।
खबर वायरल होने के करीब 48 घंटे बीतने के बावजूद भी काले रंग की स्कार्पियो नम्बर यूपी 71 वी 7100 से विधायक एवं सचिवालय पास की फोटो कॉपी ना हटाया जाना भी यही दर्शाता है कि कहीं ना कहीं परोक्ष अथवा अपरोक्ष रूप से सत्ता का संरक्षण जमीन पर कब्जा करने वालों को प्राप्त है ।सूत्रो कि माने तो इस मामले में एक और गंभीर विषय देखने को मिलता है कि बड़े व्यापारी नेता एवं कारोबारी गोविंद बाबू टाटा का इस प्रकरण में बतौर फाइनेंसर नाम जोड़ा जा रहा है ।
लोगों का कहना है कि गोविंद बाबू टाटा जमीन में अवैध निर्माण कराने के मजबूत फाइनेंसर है, उन्हीं का पैसा निर्माण में लगाया जा रहा है । एक तरफ जमीन पर मालिकाना हक का दावा करने वाले गोल्डी तिवारी समेत उनके परिजन जमीन को अपना बताते हैं और कुछ जमीन का हिस्सा इमरान उर्फ गुड्डू एवं अनिल तिवारी नामक व्यक्ति को बैनामा भी कर चुके हैं तो वहीं दूसरी ओर करीब साढ़े छह बिस्वा जमीन पर राहुल द्विवेदी नामक व्यक्ति जमीदारी के तहत अपना बताते हैं । इमरान उर्फ गुड्डू एवं अनिल तिवारी ने बताया कि गोल्डी तिवारी के बुजुर्गो द्वारा सन 1955 में उक्त जमीन का बैनामा कराया गया था जो नगर पालिका परिषद के अभिलेखों में दर्ज है ।
उक्त लोगों ने बताया कि करीब 20 बिस्वा जमीन का उन लोगों ने गोल्डी तिवारी एवं उनके परिजनों से सौदा किया था l जिसमें कुछ जमीन का बैनामा करा लिया है । जबकि कुछ जमीन का पैसा बतौर बयाना दिया जा चुका है । जिसकी भी जल्द रजिस्ट्री करा ली जाएगी ।
अब सवाल यह उठता है कि जब उक्त जमीन पर अवैध कब्जे को लेकर दूसरे पक्ष की तरफ से आवाज बुलंद की जा रही है और अधिकारियो कि चौखट पर गुहार लगाने के बावजूद न्याय ना मिलना चिंता का विषय है । जबकि ऐसे में बिन्दकी नगर प्रशासन को तत्काल कार्यवाही करते हुए निर्माण कार्य रुकवा कर यथास्थित बनाते हुए पूरे मामले की जांच कराने के बाद जो व्यक्ति सत्य एवं सही हो उसको जमीन सौप दी जानी चाहिए ।
किंतु अखबारों की सुर्खियां बनने एवं सोशल मीडिया में वायरल हो रही खबरों पर गंभीर ना होते हुए अवैध निर्माण की मौन सहमति प्रदान करना बड़ी बात है ।
वही खबरों का संज्ञान लेते हुए बिंदकी विधायक समेत भारतीय जनता पार्टी के जिला संगठन की चुप्पी कुछ और ही कहानी बयां करती है ।
अगर इस मामले में भाजपा जिला संगठन ने गंभीरता न दिखाई तो जहां एक तरफ भाजपा की मंशा पर सवाल उठना तय है ।
वही सबका साथ,सबका विकास एवं सबका विश्वास जैसा महत्वपूर्ण नारा अपने आप को शर्मसार होता महसूस करेगा । अगर बिंदकी नगर में जमीनों पर अवैध कब्जो का सिलसिला न रूका तो 2022 विधानसभा चुनाव भाजपा के लिए चुनौतीपूर्ण होगा ।
भारतीय जनता पार्टी में अपने आप को सुरक्षित महसूस करने वाला आम इंसान इसका बदला जरूर लेगा । जिसकी पूरी जिम्मेदारी भारतीय जनता पार्टी के जिला संगठन एवं विधायक के मत्थे मढ़ी जाएगी ।