
कर्नाटक के निर्वतमान मुख्यमंत्री बासवराज बोम्मई ने बीजेपी की हार के बाद दावा किया है कि उनकी पार्टी ने यह चुनाव कभी हिंदुत्व के मुद्दे पर नहीं लड़ा बल्कि विकास के मुद्दे पर लड़ा था ।
उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि उसके घोषणा पत्र ने ध्रुवीकरण करने की कोशिश की ।
राजधानी बेंगलुरु में पत्रकारों से बात करते हुए बोम्मई ने रविवार को कहा, “इस हार के 4-5 कारण हो सकते हैं । इसे समझने के लिए हमें ज़मीनी स्तर पर जाकर देखना होगा । अभी हम किसी भी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सकते । हम इसका विश्लेषण करेंगे ।”
#WATCH | We had an informal meeting with our president and we have discussed certain issues and we'll shortly call elected representatives and the people who contested. We will have in-depth analysis and do the course correction to come back to power in the Lok Sabha elections:… pic.twitter.com/3uYaa1SPsu
— ANI (@ANI) May 14, 2023
उन्होंने दावा किया, “यह बात कुछ लोगों के दिमाग़ में है लेकिन हमने कभी हिंदुत्व पर नहीं लड़ा, बल्कि हम डबल इंजन सरकार के विकास कार्यों पर लड़े ।”
बोम्मई ने बीजेपी की कर्नाटक इकाई के अध्यक्ष नलिन कतील के पद छोड़ने की ख़बर का खंडन किया है ।
उन्होंने कहा कि बीजेपी कार्यालय में आज कई विधायक मौजूद थे । पार्टी अध्यक्ष के साथ हुई अनौपचारिक बैठक में हमने कुछ मुद्दों पर चर्चा की ।
उनके अनुसार, “हम चुने गए विधायकों की बैठक बुलाएंगे और हार का गहन विश्लेषण करेंगे । हमें पूरा भरोसा है कि लोकसभा चुनाव में हम वापसी करेंगे ।”
उन्होंने यह भी कहा है कि यह हार प्रधानमंत्री की हार नहीं है वे तो राष्ट्रीय नेता हैं ।