
अफ़गानिस्तान की तालिबान सरकार के कादिर शाह को भारत का कार्यकारी राजदूत बनाने के फ़ैसले पर अब भारत में अफ़ग़ानिस्फ़तान के राजदूत फ़रीद मामुन्दज़ई की प्रतिक्रिया आई है ।
फ़रीद 2020 से ही भारत में अफ़ग़ानिस्तान के राजदूत हैं.फ़रीद भारत में तब से राजदूत हैं, तब अफ़ग़ानिस्तान की कमान तालिबान के पास नहीं आई थी ।
उन्होंने दिल्ली में अफ़गानिस्तान दूतावास की तरफ़ से जारी एक बयान को ट्वीट किया है ।
Press Statement;
No change of leadership in Afghan Embassy in New Delhi, India
Date:15th May, 2023The Embassy of the Islamic Republic of Afghanistan categorically rejects the claims from an individual claiming to have taken charge of the mission in New Delhi at the behest 1/6
— Farid Mamundzay फरीद मामुन्दजई فرید ماموندزی (@FMamundzay) May 15, 2023
इसमें कहा गया है कि वो एक व्यक्ति के उस दावे को ख़ारिज करते हैं कि तालिबान के इशारे पर उन्हें मिशन का प्रभार मिला है ।
दूतावास ने कहा है कि वो अफ़ग़ान लोगों के हितों का समर्थन करने और काबुल में तालिबान की सरकार को मान्यता नहीं देने के भारत के फ़ैसले की सराहना करते हैं । भारत वही रुख़ अपनाए हुए है जो दुनिया के अन्य लोकतांत्रिक देशों के हैं ।
बयान में कहा गया, ”वो व्यक्ति जो तालिबान की तरफ़ से ‘कार्यकारी राजदूत’ बनाए जाने का दावा कर रहा है, वही ग़लत जानकारियां फैलाने, मिशन के अधिकारियों के ख़िलाफ़ आधारहीन अभियान चलाने का ज़िम्मेदार है । इन आरोपों में मिशन में भ्रष्टाचार के आरोप भी शामिल हैं ।”
बयान में यह भी कहा गया कि वो अफ़गानिस्तान के लोगों को यह जानकारी देना चाहते हैं कि वो उनके हित में भारत में सामान्य तरीक़े से काम करते रहेंगे ।
इससे पहले तालिबान के विदेश मंत्रालय ने एक पत्र जारी कर भारत स्थित अपने दूतावास पर भ्रष्टाचार में शामिल होने के आरोप लगाए थे ।
तालिबान के विदेश मंत्रालय ने नई दिल्ली स्थित अपने दूतावास पर एक भारतीय कंपनी को लीज़ पर ज़मीन के मामले में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं । तालिबान के विदेश मंत्रालय के इस पत्र को अफ़ग़ानिस्तान के टोलो न्यूज़ ने पोस्ट किया था ।
"Afghans based in India" in a letter to the Islamic Emirate Ministry of Foreign Affairs accused several officials at the Afghan embassy in India of "corruption," related to a land lease agreement with an Indian company.
The officials in the Afghan embassy in Delhi have yet to… pic.twitter.com/KnPPMEO25s— TOLOnews (@TOLOnews) May 14, 2023
भारत के अंग्रेज़ी अख़बार द हिन्दू की रिपोर्ट के अनुसार, फ़रीद मामुन्दज़ई ने जवाब में एक पत्र जारी कर कहा है कि भ्रष्टाचार के आरोप एकतरफ़ा, पक्षपाती और झूठ हैं । फ़रीद ने अपने पत्र में कहा है कि अफ़ग़ानिस्तान में लोकतांत्रिक व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है और अफ़ग़ानिस्तान के नागरिक देश के बाहर भी मुश्किलें झेल रहे हैं । फ़रीद मामुन्दज़ई 2020 से ही भारत में अफ़ग़ानिस्तान के राजदूत हैं ।
पिछले महीने ही तालिबान के विदेश मंत्रालय ने फ़रीद मामुन्दज़ई को वापस काबुल बुलाया था । पिछले महीने 25 अप्रैल को तालिबान के विदेश मंत्रालय ने फ़रीद को पत्र भेजकर वापस काबुल आने के लिए कहा था ।
उसी दिन तालिबान के विदेश मंत्री आमिर ख़ान मुत्ताक़ी ने कहा था कि ट्रेड काउंसलर क़ादिर शाह दिल्ली स्थित अफ़ग़ानिस्तान के दूतावास को देखेंगे । तालिबान ने यही काम अप्रैल 2022 में चीन में किया था । तब तालिबान ने बीजिंग स्थित अपने दूतावास से तत्कालीन राजदूत को वापस बुला लिया था ।
अगर भारत तालिबान के राजदूत बदलने के फ़ैसले को स्वीकार करता है तो इसे तालिबान के साथ भारत के संबंध औपचारिक होने के रूप में एक और क़दम आगे बढ़ने की तरह देखा जाएगा । भारत तालिबान पर अतीत में कई आतंकवादी हमले का आरोप लगा चुका है । इसमें 2008 में काबुल में भारतीय दूतावास पर हमले का भी मामला है ।