
फतेहपुर । स्व.दिलीप कुमार स्मारक स्नातकोत्तर महाविद्यालय कोड़ा जहानाबाद में इज हिंदी दिवस पर कार्यक्रम आयोजित हुआ ।
कार्यक्रम का शुभारंभ महाविद्यालय की प्रबंधिका मिथलेश कुमारी एवं प्राचार्य डॉ. सतीश चंद्र द्विवेदी ने विद्यादायिनी मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्ज्वलित करके किया । हिंदी दिवस पर प्रबंधिका मिथलेश कुमारी ने अपने संबोधन में कहा कि हम सभी हिन्दी भाषा को ही महत्वपूर्ण रूप से बढ़ावा देने और इसके महत्व को समझने का संकल्प लेना चाहिए । हमें हिंदी की गरिमा और महत्व को बढ़ावा देने के लिए मिलकर काम करना चाहिए ताकि हमेशा हम अपनी मातृभाषा पर अभिमान करते हुए इससे जुड़े रहें ।
इस अवसर पर डॉ. आफताब अहमद ने अपने वक्तव्य में कहा कि हिंदी दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य वर्ष में एक दिन इस बात से लोगों के समक्ष रखना है कि जब तक वे हिन्दी का उपयोग पूर्ण रूप से नहीं करेंगे तब तक हिन्दी भाषा का विकास नहीं हो सकता है ।
डॉ.अमरनाथ गुप्ता ने बताया कि हिंदी दिवस हमें हमारे देश के सांस्कृतिक धरोहर के प्रति समर्पित और जागरूक बनाता है तथा हमें यह याद दिलाता है कि हमारी मातृभाषा हमारी गर्व और पहचान का प्रतीक हिन्दी है ।
हिंदी शिक्षक अरविंद कुमार ने कहा कि हिंदी विश्व की सबसे पुरानी भाषाओं में से एक है और प्रत्येक भारतीय को अपनी मातृभाषा में बोलने पर गर्व महसूस करना चाहिए। प्राचार्य डॉ. सतीश चंद्र द्विवेदी ने कहा कि हिंदी भाषा को अपना नाम फारसी शब्द ‘हिंद’ से प्राप्त हुआ है जिसका अर्थ है ‘सिंधु नदी की भूमि’, 11वीं शताब्दी की शुरुआत में तुर्की के आक्रमणकारियों ने सिंधु नदी के आसपास के क्षेत्र की भाषा को हिंदी यानी ‘सिंधु नदी की भूमि की भाषा’ नाम दिया ।
डॉ. विनेश कुमार सचान ने कार्यक्रम का संचालन किया । इस अवसर पर महाविद्यालय के शिक्षक राजेंद्र प्रसाद वर्मा, अतुल कुमार सिंह,दिलीप कुमार,अजीत कुमार,ज्ञानेश कुमार, विवेक कुमार सिंह,विनीत कुमार,दीक्षा सचान,हरदौल कुमार एवं समस्त छात्र/छात्राएं उपस्थित रहे ।