
फतेहपुर । गुरुग्रंथ साहिब का पहिला प्रकाश पर्व श्रृद्धा भाव के साथ धूमधाम से मनाया गया । गुरु ग्रंथ साहिब सिख समुदाय का प्रमुख धर्मग्रंथ है । गुरु ग्रंथ साहिब जी का सम्पादन सिख समुदाय के पांचवे गुरु अर्जुन देव जी ने किया ।
गुरु ग्रंथ साहिब का पहला प्रकाश बाबा बुड्ढा जी ने अगस्त 1604 (नानकशाही कलेण्डर के अनुसार आज की तिथि) को हरिमंदिर साहिब अमृतसर में किया 1705 में दशम गुरु गोविंद सिंह जी ने नवम गुरु तेग बहादुर जी के 116 शब्द जोड़कर गुरु ग्रंथ साहिब को पूर्ण किया । गुरु ग्रंथ साहिब जी मे कुल 1430 पृष्ठ है । गुरुग्रन्थ साहिब जी में मात्र सिख गुरुओं के ही उपदेश नहीं है । वरन् 30 अन्य सन्तो और अलंग धर्म के मुस्लिम भक्तों की वाणी भी सम्मिलित है । इसमे जहां जयदेव जी और परमानंदजी जैसे ब्राह्मण भक्तों की वाणी है ।
वहीं जाति-पांति के आत्महंता भेदभाव से ग्रस्त तत्कालीन हिंदु समाज में हेय समझे जाने वाली जातियों के प्रतिनिधि दिव्य आत्माओं जैसे कबीर,रविदास, नामदेव,सैण जी, सघना जी, छीवाजी,धन्ना की वाणी भी सम्मिलित है । पांचों वक्त नमाज पढ़ने में विश्वास रखने वाले शेख फरीद के श्लोक भी गुरु ग्रंथ साहिब में दर्ज हैं । अपनी भाषायी अभिव्यक्ति, दार्शनिकता, संदेश की दृष्टि से गुरु ग्रन्थ साहिब अद्वितीय हैं । इनकी भाषा की सरलता,सुबोधता, सटीकता जहां जनमानस को आकर्षित करती है ।
वहीं संगीत के सुरों व 31 रागों के प्रयोग ने आत्मविषयक गूढ़ आध्यात्मिक उपदेशों को भी मधुर व सारग्राही बना दिया है । इस उपलक्ष्य में गुरुद्वारा गुरु सिंह सभा मे 2022 को गुरु ग्रंथ साहिब के सभी संगत के द्वारा सहज पाठ की आरम्भता हुई थी । जिसकी समाप्ति 16 सितम्बर 2023 को हुई व गुरुद्वारा गुरु सिंह सभा मे चल रहे साप्ताहिक पाठ की समाप्ति हुई और साथ मे सहज पाठ की अरम्भता हुई ।
ये सारा कार्यक्रम गुरुद्वारा गुरु सिंह सभा फतेहपुर के प्रधान पपिन्दर सिंह की अगुवाई में हुआ इस अवसर पर मुख्य रुप से जतिंदर पाल सिंह,लाभ सिंह,गोविंद सिंह,चरन जीत सिंह, सरनपाल सिंह,वरिंदर सिंह,गुरमीत सिंह,रंजीत सिंह,राजू,सोनी ,रिंकू,जसवीर सिंह,कुलजीत सिंह,महिलाओ में-हरजीत कौर, हरविंदर कौर,जसवीर कौर,सतबीर कौर, नीना, मंजीत कौर ,शिम्पी, खुशी,सिमरन उपस्थित रहे ।