
बिन्दकी/फतेहपुर । पराली जलाने के मामलों में कमी लाने के लिए राज्य सरकारें और कृषि विभाग लगातार प्रयास कर रहे हैं क्योंकि पराली जलाने से वायु प्रदूषण में बेतहाशा बढ़ोतरी होती है । उत्तर प्रदेश कृषि विभाग भी इसे लेकर अलर्ट हो गया है धान की कटाई का सीजन शुरू हो चुका है । ऐसे में किसान धान की कटाई करने के बाद पराली को नहीं जलाएं इसे लेकर विभाग लगातार प्रयास कर रहा है और किसानों को पराली प्रबंधन करने के लिए जागरूक कर रहा है इसके लिए जिला प्रशासन के निर्देश पर कृषि विभाग ने पराली जलाने से होने वाले नुकसान और जागरूकता से सम्बन्धित लगातार अभियान चलाया जा रहा है और दुग्गी पीट कर भी अभियान चलाया जा रहा है…..
वहीं दूसरी तरफ किसानों के साथ बैठक कर उन्हें जागरूक किया जा रहा है साथ ही साथ यह भी नसीहत दी जा रही है कि अगर कोई भी किसान पराली को जलाता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी ।
पराली जलाने के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत आज उपजिलाधिकारी अनिल कुमार यादव व पुलिस उपाधीक्षक सुशील कुमार दुबे के निर्देशानुसार बिन्दकी कोतवाली की चौकी सरकंडी क्षेत्र व बकेवर थाना की देवमई चौकी प्रभारी उप निरीक्षक संतोष कुमार सिंह व थानाध्यक्ष जहानाबाद ,पुलिस व राजस्वकर्मियों द्वारा खेतो में जाकर किसानों को जागरूक कर पराली जलाने से होने वाली हानियों को विस्तार से समझाया गया ।
थाना कोतवाली प्रभारी निरीक्षक तारकेश्वर राय,सरकंडी चौकी प्रभारी उपनिरीक्षक,बकेवर थानाध्यक्ष योगेश कुमार सिंह,देवमई चौकी प्रभारी उप निरीक्षक संतोष सिंह व थानाध्यक्ष जहानाबाद अनुरूद्ध द्विवेदी ने खेतों जाकर किसानों को जागरूक करते हुए बताया पराली, फसल अवशेष खेतों में जलाने से जहां पर्यावरण प्रदूषित होता है वहीं खेतों की उर्वरा शक्ति प्रभावित होती है ।
संग्रह अमीन ने किया जागरूक ।
किसानों को जहां पराली जलाने से होने वाले पर्यावरणीय नुकसान के बारे में विस्तार से चर्चा की गई । वहीं फसल अवशेष पराली को किस तरह यूरिया का छिड़काव कर उर्वरक के रुप में प्रयोग कर खाद के रुप में खेतों की उर्वरा शक्ति को बढ़ाया जा सकेगा ।
इस मौके पर क्षेत्रीय थानों की पुलिस,राजस्व लेखपाल व अमीनों ने बड़ी संख्या में किसानो को एक सघन अभियान चला कर जागरूक किया । इसके साथ ही पराली जलाते पकड़े जाने पर एफआईआर दर्ज कराएं जाने व जुर्माना वसूले जाने की भी हिदायत दी गई ।
अगर, कोई जलाता मिलता है तो उसके खिलाफ जुर्माना लगाया जाएगा । उप कृषि निदेशक सतेंद्र कुमार तिवारी ने बताया कि जिलाधिकारी के निर्देश पर तहसील स्तर पर कमेटी गठित की गई हैं । अगर कहीं कोई पराली जलाता है तो जुर्माना लगाया जाएगा । अगर कोई किसान एक एकड़ से कम एरिया में फसल अवशेष जलाता है तो उससे 2500 का जुर्माना वसूला जाएगा ।
बिन्दकी के उपजिलाधिकारी अनिल कुमार यादव ने कहा कि पराली जलाने की घटना पूरे देश के लिए एक चिंता का विषय है केंद्र और राज्य सरकार ने इसके प्रबंधन का निर्देश प्राप्त हुआ है सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी भी इसकी मॉनीटरिंग कर रहें है ।
उन्होंने बताया की पराली जलाने की घटना को रोकी जा सके इसके लिए प्रशासन ने भी पूरी तैयारी कर ली है किसानों के साथ कई दौर की मीटिंग की गई है इसके साथ ही उन लोगों के साथ भी मीटिंग की गई है । जिनकी पराली जलाने की घटना को रोकने की ड्यूटी लगाई गई है । प्रतिदिन इसकी देख रेख बृहत स्तर पर की जा रही हैं ।