
फतेहपुर । जल उपभोक्ता समितियों के निष्क्रियता का सबसे बडा कारण एक निकलकर आया है कि अभी तक सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने समिति पंजीकरण प्रमाण पत्र लम्बा समय बीतने के बाद भी समितियों को उपलब्ध कराए गए हैं । पेनटेन बैंक खाता पासबुक कैश बुक जो सबसे महत्वपूर्ण डाक्यूमेंट्स है । अभी तक समितियों को नही दिए गए हैं ।
जल उपभोक्ता समितियों के पदाधिकारियों के मुताबिक माइनर व राजबहों में कितने कुलाबे वैध है । कितने हेक्टेयर की रबी खरीफ की फसलों में सिचाई की गई है । कितने क्यूसेक पानी राजबहा या माइनर को दिया गया है । उसमें कितने पानी का फसलों मे प्रयोग किया गया । सिचाई की गई रबी व खरीफ की फसलों में कितना एमाउंट अल्पिका और राजबहे का सरकार से विभाग को मिला ए सब जानकारी समितियों को मिलनी चाहिए थी । लेकिन अभी तक समितियों को न उनके अधिकार बताए गए न ही बैठकों की जानकारी दी गई है । अल्पिका व राजबहा से कितने किसानों को पानी दिया जा रहा और पानी का रोस्टर क्या है । नहरों की सफाई के लिए क्या मानक अपनाए गए क्या अभी तक किसी समिति को जानकारी नही है ।
सरकार ने कई चरणों में समितियों के पदाधिकारियों को प्रशिक्षण दिलाया और अमीर भी प्रशिक्षण का दौर चल रहा है । इसी क्रम में गत दिवस डबल्यू डबल्यू एफ द्वारा अल्पिका जल उपभोक्ता समितियों कैसे क्रियाशील होगी और किस तरह विकसित व विकासशील की श्रेणी में एक बहुत बड़ा सवाल है । जब उन्हें बेसिक जानकारी ही नहीं है । विभाग सिर्फ़ कागजी दौड लगा रहा है और प्रशिक्षण के नाम पर विभाग को चूना लगा रहा है । विभागीय हीलाहवाली को लेकर सूत्रों का कहना है कि विभाग के अधिकारी नही चाहते कि समितियां सक्रिय हो । अगर जल उपभोक्ता समितियां सक्रिय हो गई तो विभाग की कमाई में कमी आ जाएगी । विभाग को समितियों के प्रस्ताव के मुताबिक कार्य करना पडेगा साथ ही नहरों की सिल्ट सफाई व कटान से होने वाली कमाई कम हो जाएगी । फर्जी कुलाबो के जरिये होने वाली कमाई भी बिना समितियों को विस्वास में लिए हो पाएगी । किसानों की सहभागिता से जल प्रबंधन सिचाई विभाग को शायद रास नही आ रही है । समितियों के विकासशील होने पर सभी काम जल उपभोक्ता समितियों को करने का अधिकार मिल जाएगा ।
मालूम हो कि जनपद फतेहपुर की 100 जल उपभोक्ता समितियों को सक्रिय करने के लिए डबल्यू डबल्यू एफ ने अभियान चलाया है । यह अभियान कितना सफल होगा और विभाग के अधिकारी कितना सहयोग करेंगे फिलहाल कह पाना कठिन है पिम के वरिष्ठ एक्सपर्ट फनीस सिंहा ने बताया कि डबल्यू डबल्यू एफ के द्वारा समितियों को जागरूक किया जा रहा है और उनके क्या क्या अधिकार है ?
नहरों के रखरखाव कैसे किया जाए पानी का बटवारा कैसे हो की जानकारी के बिना सहकारिता के आधार पर जल का उपभोग किया जाऐ की जानकारी होना जरूरी है ।
जल उपभोक्ता समितियों के कार्य –
सहभागिता के आधार पर नहरों के रखरखाव व निगरानी के सरकार द्वारा किसानों की सहभागिता से जल उपभोक्ता समितियों का गठन कराया गया था । किसानों की सामान्य सभा से कुलाबा समितियों का चयन और कुलाबा समितियों से अल्पिका समितियों का चयन और अल्पिका समितियों से राजबहा समितियों का गठन किया गया था । इन जल उपभोक्ता समितियों को नहरों के रखरखाव, सिल्ट सफाई,ओसवारा के मुताबिक हर कुलाबे के किसानों को पानी का बटवारा,नालियों का रखरखाव,जल संचयन,पर्यावरण संरक्षण,नदियों के जल का संचयन सहित किसानों के हित के लिए काम करना है । सरकार द्वारा समितियों को सिचाई से मिलने वाली धनराशि के 40 प्रतिशत धन राशि से काम कराने होंगे ।
वर्ष में सामान्य सभा की दो बैठके व कुलाबा समितियों के साथ अल्पिका समितियों की बैठक करके प्रस्ताव पारित करना नहरों का वाकिंग निरीक्षण करना, निजी स्रोतों व दान से आय अर्जित करके नहरों का संरक्षण गुल निर्माण टेल डैम बनाया प्रमुख काम है ।
इंसेट –
फतेहपुर की एक सैकडा जल उपभोक्ता समितियों को सक्रिय करने के लिए डबल्यू डबल्यू एफ इंडिया की ओर अभियान चलाया जा रहा है । यह दुर्भाग्य है कि अभी तक यहाँ की समितियां सक्रिय नही है और उनको अपने अधिकारों की जानकारी नहीं है । इसके लिए समितियों के पदाधिकारियों को सक्रिय होने के लिए सहायक अभियंता व अधिशाषी अभियंता से पत्राचार करना चाहिए ।
राजेश बाजपेई
सीनियर को-आर्डीनेटर
डबल्यू डबल्यू एफ इंडिया
सिंचाई विभाग की और से अभी तक किसी भी तरह की जानकारी नहीं दी गई थी और नहीं समिति की पंजीकरण प्रमाण पत्र ही दिया गया है । बैंक खाता पास बुक व चेकबुक जारी हुई है कि नही कोई जानकारी नही है ।
बलवान सिंह
अध्यक्ष जल उपभोक्ता समिति कंशमीरीपुर अल्पिका