
कानपुर । सरसौल कस्बा में गुरुवार को ईद का पर्व श्रद्धा और विश्वास के साथ मनाया गया । इस मौके पर ईदगाहों और मस्जिदों में नमाज अदा कर अमन-चैन की दुआ मांगी गई । त्योहार को लेकर पुलिस प्रशासन मौजूद रहा नमाज अदा करने के बाद लोगों ने एक दूसरे से गले मिलकर ईद की मुबारकबाद दी । छोटे छोटे बच्चों ने ईदगाह परिसर के बाहर लगे मेले में बच्चो ने आइसक्रीम,गुब्बारा आदि खरीदारी करने में मशगूल रहे ।
वही मदीना मस्जिद हाफिज रिजवान अहमद ने बताया कि मक्का से मोहम्मद पैगंबर के प्रवास के बाद पवित्र शहर मदीना में ईद-उल-फितर का उत्सव शुरू हुआ । कहा जाता है कि पैगम्बर हजरत मुहम्मद ने बद्र की लड़ाई में जीत हासिल की थी । इस जीत की खुशी के बाद सबका मुंह मीठा करवाया गया,इसी दिन मीठी ईद-उल-फितर के रुप में मनाया जाता है । इस दिन घर मे सेवइयों बनती है और तरह-तरह के पकवानों के साथ मेहमानों का स्वागत किया जाता है । वही मुफ्ती फारुख ने बताया कि ईद का पर्व साल में रमजान के महीने के बाद आता है । इस दिन मुस्लिम धर्म के लोग बड़ी बेसब्री से इंतजार करते हैं । क्योंकि यह पर्व रमजान के पूरे महीने रोजे रखने,अल्लाह की इबादत के बाद नसीब होता है ।
उन्होंने बताया कि ईद का पर्व हमें भाईचारे का संदेश देता हैं,जिससे मिल-जुलकर रहने की प्रेरणा मिलती है । जो मुस्लिम समुदाय का व्यक्ति दूसरे धर्मों को आदर नहीं करता,वह सच्चा मुसलमान नहीं है । ईद के पर्व पर मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा देश में अमन चैन की दुआ मांगी गई । उन्होंने कहा कि ने सभी मुस्लिम भाईयों को बुराई के रास्ते को त्यागकर अच्छाई के रास्ते पर चलने की नसीहत दी । इस दिन सभी लोग नये-नये कपड़े पहनते है, ईद की नमाज अदा करते है और स्वादिष्ट व्यंजन बनाते है ।