
– कद्दावर भाजपाई अपनी उपेक्षा से आहत,डूब सकते है साध्वी की नाव
रवीन्द्र त्रिपाठी, फतेहपुर ब्यूरो
फतेहपुर । लोकसभा निर्वाचन के लिए नामांकन का दौर शुरू है । अब एक दिन शेष रह गया है । भाजपा प्रत्याशी केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने बीते दिन प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक व कैबिनेट मंत्री राकेश सचान की मौजूदगी में अपना नामांकन एक सभा के बाद कराया । नामांकन के समय कार्यकर्ताओं में जहाँ जोश दिखाई दिया वही सभा के बाद जनपद के कद्दावर ठाकुर नेताओं के साथ वरिष्ठ अन्य नेताओं का नामांकन के समय तितर वितर हो जाना संगठन में अंतरकलह का संदेश दे गया । इस संदेश से ऐसा लगता है कि भाजपा प्रत्याशी साध्वी निरंजन ज्योति को अपने ही संगठन के लोगों से दो चार होना पडेगा । लोकसभा की सभी 6 विधान सभाओं में तीन पर भाजपा का कब्जा है । एक में अपनादल सोने लाल और फतेहपुर व हुसेनगंज में सपा का कब्जा है । पिछले दो बार से 2014 व 2019 से लोकसभा सभा में केन्द्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति काबिज है । दस साल के कार्यकाल में ग्रामीण क्षेत्र में विकास कार्यो का ना होना,सवर्ण जातियों से दूरी निषाद विरादरी के प्रति रहे झुकाव जैसे कारणों की वजह भी चुनावी वैतरणी पार करना पिछले चुनावो की तरह आसान नही दिख रहा है इस चुनाव में मोदी की वह लहर नही है,2014 व 2019 की तरह मोदी हवा का अभाव भी साध्वी की राह में रोडा बन सकती है । सबसे ज्यादा पार्टी की अंतर कलह जनपद के दो कद्दावर ठाकुर नेताओं की नाराजगी भी साध्वी को झेलना पड सकता है । नामांकन सभा के दौरान अभी हाल में भाजपा में आए अन्य दलों के नेताओं को प्रथम पंक्ति में बैठाने और पार्टी को अपनी मेहनत व निष्ठा से शिखर तक पहुचाने वाले वरिष्ठ कद्दावर नेताओं जिसमें पूर्व मंत्री रणवेंद्र प्रताप सिंह (धुन्नी सिंह), पूर्व सदर विधायक विक्रम सिंह पूर्व जिलाध्यक्ष प्रभुदत्त दीक्षित व मनोज शुक्ल सहित अनेक कद्दावर नेताओं को पीछे लाइन का रास्ता दिखाए जाने के बाद उपजे असंतोष का कारण भी एक है । नामांकन सभा ने भी गुटबाजी को हवा दिया है । गुटबाजी का ही नतीजा रहा है कि मोदी लहर के बावजूद भाजपा को दो विधान सभाओं में हार का मुंह देखना पडा है । इस 2024 के चुनाव में मतदाताओ के रुझान में कभी विकास कार्यों का ग्रामीण क्षेत्रों में न होना,दस वर्ष के कार्यकाल में अपने कुछ चहेतों को छोड़कर आम लोगों से दूरी बनाए रखना,सरकारी कार्यक्रमों में व्यस्त रहकर आम आदमी को उपेक्षित करना जैसे राह के रोडे है । जनसे पार्टी के सभी उन शुभचिन्तको के लिए जो पिछले दस सालों से साध्वी के इर्दगिर्द रहने वालों की साख दांव में लगती दिख रही हैं ।
बाक्स में
सांसद की तीन गुनी आय जनचर्चा में
फतेहपुर की सांसद पूर्व केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति की पांच साल में आय की तीन गुनी बढोत्तरी आम चर्चा का विषय बन गई है । गत 2019 के लोकसभा चुनाव में दिए गए शपथपत्र में सांसद साध्वी की कुल चल अचल संपत्ति एक करोड़ दो लाख की थी ।जिसमें 9 लाख रुपये का कर्ज भी था । जो 2024 के नामांकन में दिए गए शपथ पत्र में बढ कर तीन गुनी हो गई है । शपथ पत्र के अनुसार साध्वी के पास अब चल अचल सम्पत्ति 9 लाख का कर्जा निपटाने के बाद तीन करोड़ दस लाख की है । सम्पूर्ण कार्यकाल राजनैतिक कार्यों में व्यस्त रहने वाली सांसद की आय में तीन गुनी कैसे हुई चर्चा में है ।
इंसेट –
अनुशासित पार्टी का अनुशासन तार तार
नामांकन के पूर्व उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक व कैबिनेट मंत्री राकेश सचान की मौजूदगी में नामांकन के पूर्व हुई जनसभा में अनुशासन का पाठ सिखाने वाली भाजपा की सभा में व्यवस्था तार तार हो गई। मंच में अपनी मौजूदगी दर्ज कराने की होड,सभा स्थल में आगे की कुर्सियों में बैठने को लेकर उपजे असंतोष धक्का मुक्की ने भाजपा की अनुशासन वाली पार्टी पर प्रश्न चिन्ह लग गया । सभा स्थल मे अगली पंक्ति में दूसरे दलों से आए नेताओं को बैठाने जिले के कद्दावर भाजपा की नैया को पार लगाने में अहम भूमिका निभाने वालेउन कद्दावर नेताओं पूर्व विधायक व मंत्री को पीछे की सीटों का रास्ता दिखा दिया गया । जिससे अपनी गरिमा को ठेस पहुंचाने जैसा उन्होंने महसूस किया । वही उपमुख्यमंत्री व कैबिनेट मंत्री के साथ मंच में पहुँचने के लिए अभी तक भाजपा की बखिया उधेडने वाले अन्य दलों से आए नेताओं ने धक्का मुक्की कर जनपद के कद्दावर भाजपा के खेवनहार नेताओं को मंच में नही पहुचने दिया ।