
पटना । नीट पेपर लीक मामले में जितने भी संदिग्ध या सेटर या बिचौलियों की भूमिका निभाने वालों के नाम सामने हैं । उन सभी के बैंक खातों और वित्तीय लेनदेन की जांच की जा रही है । इस पूरे धंधे में जितने पैसे की डील हुई है । सभी पहलुओं पर तफ्तीश की जा रही है अंतिम रूप से पहुंचा पैसे किसके पास और किसने बाजार से कितनी उगाही की है,इसकी जांच भी साथ-साथ चल रही है । अब तक की जांच में यह बात सामने आई है कि अधिकांश पैसे की लेनदेन नगद में ही हुई है । हालांकि इसमें जितने पैसे की डील हुई थी,उसमें बड़ी संख्या में राशि ट्रांसफर होकर सेटरों के पास पहुंच गई है । यह कितनी राशि है । इसकी सटीक जानकारी प्राप्त की जा रही है ।
इस मामले के खुलासे के बाद मुख्य अड्डा रामकृष्णा नगर स्थित लर्न्ड एंड प्ले स्कूल के अलावा कुछ अन्य स्थानों पर छापेमारी के दौरान करीब डेढ़ दर्जन चेक बरामद हुए हैं ये चेक मुख्य रूप से एडवांस या टोकन मनी के तौर पर ली गई राशि से संबंधित थे । परीक्षा संपन्न होने के बाद यानी प्रश्न-पत्र लड़ने के बाद भी छात्रों से राशि वसूल कर ली गई है ।
इस मामले में गिरफ्तार हुए सिकंदर प्रसाद यादवेंदु समेत 13 मुख्य आरोपितों से पूछताछ में यह भी स्पष्ट हुआ है कि पैसे सीधे या किसी एक व्यक्ति के माध्यम से मुख्य सेटर तक नहीं पहुंचे । बल्कि कई चैनलों के माध्यम से गए हैं,जिसमें रास्ते में हर किसी ने अपना -अपना कमीशन काटकर राशि मुख्य सेटर तक पहुंचाई गई है अब तक की जांच में ठोस सबूत के तौर पर रामकृष्णा नगर वाले निजी स्कूल में रटवाए जा रहे 40 छात्रों के बारे में ही सटीक जानकारी मिली है । यहां प्रत्येक छात्रों से औसतन 35 लाख रुपये के आस पास वसूली गई है । कुछ छात्रों ने ही पूरी राशि का भुगतान नहीं किया था ।