
लखनऊ । उप्र राज्य सड़क परिवहन निगम में मृतकों की आश्रितों की नौकरी अब रोडवेज के फायदे पर टिकी है । रोडवेज फायदे में आएगा,तभी मृतक आश्रितों को नौकरी मिलेगी । इसके लिए रोडवेज में ऑडिट शुरू हो गया है, जिसकी रिपोर्ट 31 जुलाई तक आएगी । तभी मृतक आश्रिकों की भर्ती को लेकर शासन स्तर पर फिर कवायद शुरू होगी ।
वर्ष 2018 के बाद करीब 1000 मृतक आश्रितों की सूची तैयार की गई है । इनकी भर्ती करने पर रोडवेज को हर महीने करीब 30 करोड़ रुपये वेतन के मद में भार पड़ेगा । बीते तीन दिनों से निगम मुख्यालय पर धरने पर बैठे पुरुष और महिला मृतक आश्रित अब अमरण अनशन पर बैठ गए हैं ।
गुरुवार को कैसरबाग बस डिपो के एआरएम ने मौके पर मृतक आश्रितों से मिलकर आश्वासन दिया,लेकिन वे आश्वासन के जुमले को मानने को तैयार नहीं हुए ऐसे में शुक्रवार को भी रोडवेज मुख्यालय पर मृतक आश्रितों का धरना प्रदर्शन जारी रहेगा । दरअसल,रोडवेज में वर्ष 2018 के बाद मृतकों आश्रितों की नियुक्ति नहीं हुई, जबकि निगम मुख्यालय से तीन बार मृतक आश्रितों की भर्ती के सिलसिले में प्रस्ताव भेजा जा चुका है । शासन हर बार फायदे की रिपोर्ट देने की बात करते नियुक्त का आदेश करने से रोक दे रहा है ।
वर्ष 2004 में शासन के आदेश पर कर रहे काम
प्रबंध निदेशक मासूम अली सरवर ने बताया कि वर्ष 2004 में शासन ने एक नोटिफिकेशन जारी करते हुए सभी निगमों को आदेश दिया था कि मृतक आश्रितों की भर्ती तभी होगी जब निगम फायदे में रहेंगे । इस दौरान वर्ष 2018 में निगम फायदे में रहा तब 588 मृतक आश्रितों की भर्ती की गई थी । इसके बाद से निगम घाटे में चल रहा है । ऐसे में आडिट रिपोर्ट में निगम फायदे में रहेगा तभी भर्ती की कवायद शुरू होगी ।