
– विकास के तौर पर कराए अनेक जन आवश्यकता के कार्य
कोरबा/पाली । राजनीति समाज सेवा का माध्यम होता है । मंचों से ऐसे भाषण आपने बहुत सुने होंगे,लेकिन बहुत कम लोग होते है जो ऐसी मिशाल पेश करते है । हरनमुड़ी की महिला सरपंच ने साबित कर दिया कि राजनीति उनके लिए समाज सेवा का माध्यम है ।
उन्होंने पानी की किल्लत से जूझ रहे एक मोहल्ले में खुद के खर्चे से न सिर्फ पेयजल व्यवस्था मुहैया कराई बल्कि वर्षों से बंद पड़े पानी टँकी को दुरस्त करा घर- घर पानी पहुँचाई । ग्राम में जन आवश्यकताओं वाले कार्यों को प्राथमिकता से अहमियत देते हुए अनेक विकास कार्य भी कराए । जिससे उपेक्षित हो चले इस ग्राम पंचायत के विकास को गति मिलने के साथ इसमें वृद्धि भी हुई है ।
पाली जनपद अंतर्गत ग्राम पंचायत हरनमुड़ी की महिला सरपंच मथुरा जगत जब सरपंच निर्वाचित हुई तब यह ग्राम अनेक विकास कार्यों से उपेक्षित था । ग्राम की सबसे बड़ी समस्या पेयजल की थी । जिसके बाद पक्के मार्ग, पुलिया, नाली, पचरी व रोशनी व्यवस्था की समस्या बरकरार थी । लगभग 15- 20 घरों के परिवार वाले धनुहार मोहल्ला में वर्षों से पेयजल की काफी किल्लत थी । जहां स्थित हेंडपम्प का पानी पीने योग्य नही होने के कारण गांव की महिलाएं आधा किलोमीटर दूर से पीने का पानी लाने को मजबूर थी ।
सरपंच ने निर्वाचित बाद अपने स्वयं के 1.50 लाख खर्च कर यहां बोर खनन करा उसमे सबमर्सिबल पम्प स्थापित कर धनुहार मोहल्ला निवासियों के लिए शुद्ध पेयजल की व्यवस्था की ।
वहीं विगत 2010- 11 में निर्मित पानी टँकी सप्ताह भर पानी देने पश्चात बंद पड़ा हुआ था । जिसे दुरुस्त करा पानी की व्यवस्था बहाल की गई । जिससे इस ग्राम के घर- घर पानी पहुँच 2500 की जनसंख्या को लाभ मिल रहा है । इसके अलावा 16 वार्डों के मध्य 8 स्थानों पर स्थित हेण्डपम्पों में 4लाख के खर्च से सबमर्सिबल पम्प व सिन्टेक्स स्थापना एवं संचालित 5 आंगनबाड़ी और स्कूलों में 2.50 लाख के रनिंग वाटर सिस्टम के माध्यम से शुद्ध जल की व्यवस्था की गई है ।
ग्राम हरनमुड़ी से चेंपा मार्ग व शिवसागर तालाब जाने वाले कच्चे मार्ग में बारिश के दिनों में कीचड़ से आवागमन में बेहद परेशानी होती थी जिन मार्गों का 15 लाख की लागत से आर सीसी कांक्रीटी करण कराया गया । अब ग्रामीणों के लिए ये मार्ग सुलभ हो गया ।
पंडाभांठा मार्ग एवं डुबान मार्ग के मध्य नाले में पुलिया नही होने से स्थानीय किसानों को कृषि कार्य मे समस्या होती थी । जिनमे 22 लाख की लागत वाले 2 पुलिया के निर्माण से खेतों तक ट्रैक्टर व अन्य वाहनों के पहुँचने से किसानों को काफी राहत मिला । कंवर तालाब व नया तालाब में पचरी नही थी । सरपंच ने जिसके लिए सांसद मद से 11 लाख के 2 पचरी स्वीकृत करा और दोनों तालाब में पचरी के निर्माण से लोगों को निस्तारी कार्य मे सुविधा मिली । धुरी एवं धनुहार मोहल्ला के निवासियों ने सार्वजनिक आयोजनों के लिए मंच निर्माण की मांग सरपंच के पास रखी । जहां 4- 4 लाख के 2 मंच निर्माण हो जाने को लेकर यहां के निवासी काफी खुश है । ग्राम के प्रमुख चौंक- चौराहों में 19 लाख की लागत वाले 3 हाईमास्क लाइट एवं गली- मोहल्लों में स्ट्रीट लाइट की सुविधा से रात्रि में ग्राम दूधिया रोशनी से जगमग रहता है । इस तरह वर्तमान सरपंच के साढ़े चार साल के कार्यकाल की बात करें तो गांव में लगभग 3 करोड़ 90 लाख के विकास कार्य हुए है । जिसमे नाली, रिटर्निंग वाल, अहाता निर्माण सहित अन्य व मनरेगा के काम भी शामिल है ।
ग्रामीणों ने जताई सरपंच के विकास कार्यों से संतुष्टि
यहां के ग्रामीणों देवसिंह मरकाम, मोहनदास, राजेश यादव, लुसराम कश्यप,रमेश जगत सहित अनेको ने बताया कि गत पंचवर्षीय सरपंच कार्यकाल में ग्राम का विकास उपेक्षित हो चला था और अनेक बुनियादी विकास के कार्य ठप्प पड़ गए थे तथा गांव के निवासीजन कई मूलभूत सुविधाओं से वंचित हो चले थे । लेकिन वर्तमान सरपंच ने ठप्प पड़े योजनाओ को प्रारंभ करा और ग्राम की जनता को बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराते हुए गांव के विकास को गति दी है । ग्रामीणों ने सरपंच मथुरा जगत द्वारा पंचायत में कराए गए कार्यों की तारीफ करते हुए कहा कि ग्राम में सबसे बड़ी समस्या पेयजल की थी जिसे सरपंच ने अपने प्रयासों से इस समस्या का निराकरण किया । ग्राम के जरूरत वाले स्थानों पर सीसी रोड निर्माण कराई, जिससे कीचड़ से मुक्ति मिली ।
वहीं नाली के निर्माण से घरों से निकलने वाला गंदा पानी मार्गों पर नही बहता । सरपंच ने करीब 150 गरीब परिवार को नवीन राशन कार्ड मुहैया कराई तो 90 पात्र हितग्राहियों को पेंशन का लाभ दिलाया । उन्होंने आगे बताया कि पहले गांव में शाम होते ही अंधेरा पसर जाता था । तब यहां स्ट्रीट लाइट नही होने के कारण अंधेरे में ग्रामीणों की आवाजाही मुश्किल होती थी । सरपंच द्वारा सार्वजनिक स्थानों पर स्ट्रीट लाइट लगवा कर ग्राम में रोशनी बिखेर दी । अब रात्रि घरों से बाहर चलने- फिरने में कोई समस्या नही होती ।
ग्राम का आर्थिक विकास और ग्रामीणों को शासन की योजनाओं का लाभ दिलाना मेरी प्राथमिकता- सरपंच
ग्रामीण विकास को लेकर ग्राम की सरपंची सम्हाल रही मथुरा जगत का कहना है कि भारत मे पंचायती राज व्यवस्था निचले स्तर पर लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था का एक ऐसा मॉडल है । जो टिकाऊ विकास एजेंडा के महत्त्वकांक्षी सपनो को साकार करने में अहम भूमिका निभाता है । सरपंच जिसकी छोटी किन्तु महत्वपूर्ण इकाई होता है । जो केंद्र और राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को धरातल पर उतारता है । सरपंच पूरे गांव का प्रतिनिधि होता है, इसलिए भेदभाव किये बिना दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ गांव के विकास के लिए कार्य करने चाहिए । ग्राम की जनता ने मुझे विकास के लिए चुना है और मुझे सरपंच के तौर पर जो जिम्मेदारी मिली है । उसे पूरी लगन व पारदर्शिता से निभा रही हूँ तथा पंचायत में ज्यादा से ज्यादा विकास कार्य करा और लोगों को शासन की योजनाओं का लाभ व उनके अधिकार दिलाने में कोई कसर नही छोड़ रही । ताकि विकास के मामले में उनका पंचायत और इसके गांव अन्य विकसित ग्रामों से पीछे न रहे ।