
कोरबा/पाली । बीते एक माह से नगर सहित आसपास ग्रामीण इलाकों के सूने मकानों को सक्रिय चोरों द्वारा निशाना बनाया जा रहा है । जिनके हौसलों के चलते ताला लटके घरों में चोरी की घटनाएं बढ़ गई हैं और जो सोने- चांदी के सामानों व नगदी पर हाथ साफ करने की घटना को अंजाम देने के बाद आसानी से निकल जा रहे है । जो स्थानीय पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती बनकर रह गया है ।
पाली थानांतर्गत पिछले एक महीने से चोरी की वारदातें बढ़ी हैं । नगर के पाश कालोनी में अधिकारियों- कर्मचारियों के सूने मकानों के जहां ताले तोड़ चोरी की वारदात को चोरों ने अंजाम दिया है तो आसपास ग्रामों के घरों के भी कुंदे तोड़े गए है तथा शातिर चोर केवल सोने- चांदी के सामानों सहित नगद राशि लेकर रफूचक्कर हो रहे है इसके अलावा अन्य किसी भी महंगे चीजो को हाथ नही लगा रहे है । चोरों का टारगेट केवल सोना- चांदी जिसे आसानी से कोई भी बिना किसी हिचक के कम दाम पर खरीद सकता है और नगदी जो कहीं पर भी चल सकता है । चोर के पकड़े जाने तक जिसका कोई सुराग हाथ नही लग सकता । चोरी की जिन घटनाओं की रिपोर्ट थाने में दर्ज कराई गई,लेकिन पुलिस किसी भी घटना से पर्दा उठाने में फिलहाल नाकाम ही रही है । घटनाओं के बाद पुलिस के पास खाली लकीर पीटने के अलावा कुछ भी हाथ नहीं लग पा रहा है । पिछले एक माह में करीब दर्जनों घरों में चोरी की वारदातें हो चुकी हैं ।
लोगों का कहना है कि पुलिस की सक्रियता में कमी के चलते वारदातें बढ़ रही हैं । कहा कि पुलिस रात को सायरन बजाते गश्त तो जरूर करती है किंतु आधी रात्रि के बाद सन्नाटा पसर जाता है, जिसका फायदा सक्रिय चोर वर्ग उठा जाते है । ऐसे में नगर से लेकर ग्रामीण इलाके भी वर्तमान में महफूज नही है । यदि पुलिस अपने मुखबिर तंत्र को साथ लेकर गंभीरता से सक्रियता बरते तो चोरी की वारदातों को अंजाम दे रहे चोरों को आसानी से पकड़ा जा सकता है ।
कबाड़ी व नशेड़ी वर्ग भी सक्रिय, अंकुश लगाने की मांग
बता दें कि नगर में इन दिनों कबाड़ी और नशेड़ी वर्ग भी काफी सक्रिय हैं । बीते महीने के आंकड़ों पर गौर करें तो गांजे का नशा करने वाले युवा वर्ग में एकाएक इजाफा हुआ है । इसके अलावा कबाड़ का व्यवसाय बंद होने पश्चात भी कबाड़ी रोजाना नगर से लेकर गांव- गांव घूम रहे है । स्थानीय नागरिकों ने संदेह जताया है कि पूर्व में कबाड़ व्ययवसाय से नगर एवं आसपास के ज्यादातर युवा वर्ग जुड़े थे,लेकिन सत्ता परिवर्तन बाद एकाएक उक्त अवैध कारोबार बंद हो जाने बाद इससे जुड़े वर्ग खाली बैठे है,वहीं युवाओं में गांजा के नशे का क्रेज भी बढ़ा है । इसके अलावा कबाड़ व्यवसाय बंद रहने के बाद भी कबाड़ियों द्वारा घूम- घूमकर कबाड़ सामाग्री खरीदी किया जा रहा है । कहीं न कही चोरी की वारदात के तार इनसे जुड़े हो सकते है । लोगों ने कबाड़ी वर्ग और नशेड़ियों पर कड़ाई के साथ अंकुश लगाने की मांग पुलिस से की है ।