
फतेहपुर । जिलाधिकारी रविंद्र सिंह ने जनपद के समस्त उप जिलाधिकारियो को वर्तमान खरीफ फसलों की कटाई मडाई के बाद प्रत्येक दशा में पराली जलाने से रोकने के निर्देश दिए हैं ।
उन्होंने समस्त उप जिलाधिकारियों/तहसीलदारों,राजस्व लेखपालों तथा कृषि विभाग के क्षेत्रीय कर्मचारियों अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा है कि धान की फसल तैयार होने वाली है । ऐसी दशा में अभी से अपने-अपने क्षेत्रों में किसानों को पराली जलाने से होने वाले नुकसान के सम्बन्ध में व्यापक प्रचार प्रसार करने के निर्देश दिये है । जिससे धान की कटाई एवं मडाई के बाद कोई भी किसान पराली न जलाने पाये । जिन किसानों द्वारा पराली जलाने का कार्य किया जाएगा । उन व्यक्तियों से पर्यावरण की क्षति की प्रति पूर्ति सुनिश्चित करने हेतु नियमानुसार अर्थ दंड लगाया जाए तथा उसकी वसूली की जाए ।
उन्होंने बताया है कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) तथा सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्देश दिये गए है कि प्रत्येक दशा में पराली जलाये जाने की घटना पर अंकुश लाया जाय ।
जनपद स्तर पर अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व की अध्यक्षता में सेल का गठन किया गया है । जो खरीफ फसलों की कटाई मडाई के बाद फसल अवशेष (पराली) जलाने की घटनाओं पर विशेष नजर रखेंगे तथा समय-समय पर कृषि विभाग एवं राजस्व विभाग के तहसील स्तरीय अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित कर जनपद में पराली जलाने की घटनाओं पर विराम लगाएंगे ।
जिलाधिकारी ने जनपद के समस्त राजस्व लेखपालों उपजिलाधिकारियो /तहसीलदारों को निर्देश दिया है कि पराली जलाने की घटनाएं रोकने के लिऐ तहसील स्तर पर गठित तहसील स्तरीय समिति की बैठक आयोजित की जाए ।
राजस्व लेखपालों कृषि विभाग के सहायक विकास अधिकारी को सजग कर दिया जाये । जिससे आने वाले समय में पराली जलाने की घटनाएं न होने पाये । इसके लिए सम्बन्धित अधिकारी गांव में भ्रमण कर किसानों को समझाएं की पराली जलाना दंडनीय अपराध है । पराली को वेस्ट डिकम्पोज़र का प्रयोग कर पराली से खाद बनाये ।
उन्होनें यह भी सुझाव दिया कि ग्राम प्रधानो के सहयोग से अधिक से अधिक पराली को पशुपालन एवं मनरेगा से समन्वय करते हुए गौशाला में भेजवाये ।
उन्होंने सभी उप जिला अधिकारियों को निर्देश दिये है कि तहसील स्तरीय समिति में तहसीलों के ग्राम प्रधान को भी आमंत्रित कर पराली ना जलाने के लिए ग्राम पंचायत के किसानों को आगाह कर दे । यदि किसी किसान/व्यक्तियों द्वारा पराली जलाई जाती है तो ऐसे किसानों के विरुद्ध दंड लगाकर वसूली की कार्रवाई की जाएगी । साथ ही पुनरावृत्त करने पर एफआईआर दर्ज कराया जायेगा ।
जिलाधिकारी ने उप निदेशक कृषि को निर्देश दिया है कि कृषि विभाग के समस्त अधिकारियों कर्मचारियों को इस आशय के निर्देश दे कि वे अपने-अपने न्याय पंचायत में भ्रमण रहकर किसानों को जागरूक करें । जनपद की प्रत्येक न्याय पंचायत स्तर पर किसानों की गोष्ठियां आयोजित कराकर किसानों को जागरूक किया जा रहा है । वॉल पेंटिंग वॉल राइटिंग तथा होर्डिंग लगाकर अधिक से अधिक किसानों को जागृत किया जाए कि पराली जलाना दंडनीय अपराध है । जिससे फसल अवशेष जलाने की घटनाएं न होने पाए । साथ ही गांव में वेस्ट डिकम्पोज़र का वितरण भी करे ।
उपयुक्त मनरेगा,मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी तथा जिला में पंचायत राज्अधिकारी गौशालाओ को किसानो तथा ग्राम प्रधानों के माध्यम से अधिक से अधिक पराली भेजवाए,प्रत्येक दशा में पराली जलाने की घटनाओं को रोकना सुनिश्चित करें । जिन ग्राम पंचायत में पराली जलाने की घटना होती है तो उन राजस्व लेखपाल तथा प्राविधिक सहायकों को नोटिस जारी कर दंडात्मक कार्रवाई करेंगें ।
उन्होंने जनपद के समस्त उप जिलाधिकारी /तहसीलदार को निर्देश दिया है कि जिन राजस्व लेखपालों के क्षेत्र में पराली जलाने घटनाएं होंगी उनके विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी ।
जिलाधिकारी ने मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, जिला पंचायत राज अधिकारी फतेहपुर को निर्देश दिया है कि जनपद के ग्राम प्रधानो के माध्यम से अधिक से अधिक पराली जनपद की समस्त गौशालाओ में संरक्षित कराने के निर्देश दिए है । जिलाधिकारी ने जनपद के समस्त ग्राम प्रधानो,किसानो तथा अधिकारियों/कर्मचारियों को पराली जलाने की घटनाओ को रोकने के निर्देश दिए है ।