कानपुर । सरसौल कस्बा सहित अन्य कस्बों व गांव में धनतेरस पर्व को बड़ी धूमधाम से मनाया गया । कार्तिक मास की तेरस के दिन मंगलवार को हर तरह के बाजारों में धन बरसा । लोगों ने जमकर खरीदारी की । नगर के रुमा,महाराजपुर, सरसौल, पुरवामीर, पाली , टौंस, पाल्हेपुर, आदि कस्बों के बाजारों में शाम को खूब रौनक दिखी । सोने, चांदी, बर्तन और इलेक्ट्रॉनिक की दुकानों पर भीड़ आम दिनों की अपेक्षा तो बहुत अधिक दिखाई दी बाजार में ग्राहकों के आवागमन शुरू से व्यापारियों में खुशी का माहौल बना रहा और बाजारों में खूब धन बरसता रहा । लेकिन व्यापारियों का कहना है कि अबकी बार बिक्री उम्मीद से कम रहीं । वही लोगों ने मंगलवार की देर शाम घरों में भगवान विष्णु के चौबीसों अवतारों में बारवें अवतार धनवतंरि की पूजा-अर्चना की ।
पुराणों में कहा जाता है कि भगवान धनवंतरी के प्राकट्य की कई कथाएं मिलती हैं । कहते हैं जब समुद्र मंथन हो रहा था,तब सागर की गहराइयों से चौदह रत्न निकले थे । जब देवता और दानव मंदार पर्वत को मथनी बनाकर वासुकी नाग की मदद से समुद्र मंथन कर रहे थे । तब तेरह रत्नों के बाद कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को चौदहवें रत्न के रूप में धनवंतरी जी सामने आए ।
धनवंतरी अमृत यानी जीवन का वरदान लेकर प्रकट हुए थे और आयुर्वेद के जानकार भी थे । इसलिए उन्हें आरोग्य का देवता माना जाता है । भगवान धनवंतरि चतुर्भुजी हैं । भगवान विष्णु की तरह ही इनके हाथ में शंख और चक्र रहता है । दूसरे हाथ से इन्होंने अमृत कलश भी थामा है । धनवतंरी कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को प्रकट हुए थे । इसलिए इस तिथि को बर्तन खरीदने की परंपरा है । माना जाता है कि धनतेरस के दिन आप जितनी खरीदारी करते हैं । उसमें कईं गुणा वृद्धि हो जाती है ।
इस त्योहार को लेकर मंगलवार की रात्रि एसीपी चकेरी पूर्वी दिलीप कुमार सिंह मय फोर्स के साथ कस्बा सरसौल के बाजारों व प्रमुख चौराहों पर पैदल मार्च कर लोगों को सुरक्षा का एहसास कराया । उन्होंने पैदल गश्त के दौरान सब्जी विक्रेता, सराफा व्यापारी,स्थानीय लोगों व राहगीरों से बात कर उनकी समस्याओं को सुन पुलिस की कार्यप्रणाली का फीडबैक भी लिया ।