
कानपुर : भारत सरकार ने वर्ष 2004 में एक संकल्प पत्र के माध्यम से कर्मचारी व शिक्षकों को मिलने वाली लाभकारी पेंशन,पुरानी पेंशन समाप्त कर दी । जिसके आधार पर राज्य सरकार ने भी 1 अप्रैल 2005 से पुरानी पेंशन व्यवस्था समाप्त कर दी ।
वर्तमान मुख्यमंत्री द्वारा सांसद रहते हुए तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पत्र लिखकर पुरानी पेंशन बहाल करने का अनुरोध किया था । जब योगी प्रदेश के मुख्यमंत्री बने तो प्रदेश के शिक्षक व कर्मचारियों ने अपना सौभाग्य समझा तथा एक उम्मीद बनी कि माननीय योगी जी अब पुरानी पेंशन बहाल करेंगे क्योंकि देश और प्रदेश दोनों में ही एक ही दल की सरकार है । परंतु दुर्भाग्यपूर्ण है कि वर्ष 2018 से तमाम धरना प्रदर्शन मशाल जुलूस रैली एवम हड़ताल करने के बाद भी वर्तमान सरकार अपने वादे पर खरी नहीं उतर सकी । श्रम विभाग कर्मचारी संघ उत्तर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष प्रभात मिश्रा ने बताया कि प्रदेश के कर्मचारी व शिक्षकों के वेतन के अंश का करोड़ों रुपया थर्ड पार्टी द्वारा व्यापार में लगाया जा रहा है । लेकिन सरकार उसकी सेवानिवृत्ति के समय मिलने वाली पेंशन की गारंटी देने को तैयार नहीं है यूपी वाणिजयकर मिनिस्ट्रियल एसोसिएशन के जोन कार्यवाहक अध्यक्ष रोहित तिवारी जिला अध्यक्ष सत्यवीर दीक्षित उदयराज सिंह मेवालाल कनौजिया ललितेश तिवारी आदि कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारियों ने पुरानी पेंशन बहाल किए जाने की मांग की है ।