
– बीते दिनों बजट की समीक्षा हुई तो अप्रैल से अक्तूबर तक महज 21.77 प्रतिशत बजट खर्च हुआ
– इस बजट से बेटियों की शिक्षा, लिंग अनुपात में सुधार से जुड़े हुए होने थे कई कार्य
अलीगढ़ । बेटी बचाओ -बेटी पढ़ाओ योजना को लेकर प्रदेश सरकार जितनी गंभीर है, उतने ही लापरवाह प्रदेश के 21 जिलों के अधिकारी बने हुए हैं। इन जिलों के अधिकारियों ने बेटियों की शिक्षा सहित अन्य कार्यों पर खर्च किए जाने वाले बजट की एक पाई तक बीते नौ माह में नहीं खर्च की । अब प्रमुख सचिव महिला कल्याण ने प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को तत्काल बजट इस्तेमाल करने के निर्देश दिए हैं । बेटी बचाओ बेटी पढाओ योजना (बीबीबीपी) महिला एव बाल विकास मंत्रालय, केन्द्र सरकार की एक फ्लेगशिप योजना है । जो कि जनवरी, 2015 को शुरू की गयी थी ।
योजना का मुख्य उद्देश्य गिरते बाल लिंग अनुपात (सीएसआर) को रोकना, कन्या भ्रूण हत्या को रोकना व बालिकाओं की शिक्षा को बढावा देना है । इसके अलावा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना को लेकर भी तमाम गतिविधियां साल भर में संचालित की जाती हैं । जिसके माध्यम से समाज में बालिकाओं के प्रति सकारात्मक सोच को बढ़ावा दिया जाता है । प्रमुख सचिव की ओर से जारी पत्र में लिखा गया है कि वर्तमान वित्तीय वर्ष में प्रदेश के जनपदों के लिए 17.86 करोड़ रूपए की धनराशि जनपदों को आवंटित की गयी थी । इसके सापेक्ष 15 नवंबर 2024 तक कुल 3.88 करोड़ व्यय किया गया है । जो आवंटित धनराशि का मात्र 21.77 प्रतिशत है । जिसमें प्रदेश के 21 जनपदों द्वारा शून्य बजट का इस्तेमाल किया गया है ।
10 जनपद ही खर्च कर पाए 50 प्रतिशत से अधिक बजट
प्रमुख सचिव के अनुसार प्रदेश के 24 जनपद द्वारा 20 प्रतिशत से कम, 20 जनपदों द्वारा 50 प्रतिशत से कम व 10 जनपदों द्वारा 51 से 100 प्रतिशत के धनराशि व्यय की गई ।
बालिकाओं को कराया जाए भ्रमण
प्रमुख सचिव ने निर्देश दिए हैं कि बाल देख-रेख संस्थाओं, कस्तूरबा विद्यालय आदि की बालिकाओं का जनपद के शैक्षिक संस्थानों, ऐतिहासिक इमारतों, प्राकृतिक स्थलों आदि का भ्रमण कराया जाए । शिक्षा संस्थानों में जागरूकता व लिंग संवेदीकरण का आयोजन,क्षेत्रीय कार्मिकों,आशा, एएनएम, बालिकाओं की खेलकूद प्रतियोगिता आदि का भी बीबीबीपी के लिए जारी बजट से आयोजन कराया जा सकता है ।
फैक्ट फाइल
● 17.68 करोड़ रुपये प्रदेश सरकार ने किए थे सभी जिलो के लिए जारी
● 3.88 करोड़ का ही व्यय 15 नवंबर तक किया जा सका
● 21 जनपदों में बजट का एक रूपया भी खर्च नहीं किया
● 10 जनपद ही 50 प्रतिशत से अधिक बजट खर्च कर पाए
ये जिले नहीं खर्च कर पाए बजट
आगरा,अलीगढ़,बांदा, बाराबंकी, फिरोजाबाद, कुशीनगर, वाराणसी, सीतापुर, मैनपुरी, औरेया, आंबेडकर नगर, कौशाम्बी, फैजाबाद, मथुरा, बहराइच, प्रयागराज, बलरामपुर, संतकबीर नगर, रायबरेली, रामपुर,सोनभद्र,मऊ,आजमगढ़, अमेठी,हापुड़, महाराजगंज, इटावा, हमीरपुर ।