
– अंतरराज्यीय ख्यातिलब्ध चिकित्सक थे मन्नू बाबा, क्षेत्रीय विधायक ने स्वास्थ्य मंत्री को पत्र
– म्युनिसिपल बोर्ड ने 27 वर्ष पहले भी बैठक में पारित किया था प्रस्ताव
बिन्दकी/फतेहपुर । सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का नामकरण बहु-भाषाविद्,आयुर्वेद के सिद्ध चिकित्सक, स्वतंत्रता आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभाने वाले प्राणाभिषर पंडित मन्नू लाल मिश्र (मन्नू बाबा) के नाम किए जाने को लेकर गत 4 दशकों से की जा रही मांग ने एक बार फिर जोर पकड़ा है । इसके लिए जहां नगर पालिका परिषद बिंदकी की अध्यक्ष राधा साहू के पत्र पर बिंदकी विधानसभा से अपना दल विधायक जय कुमार सिंह जैकी ने स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखा है । वही नागरिकों में भी इस मांग को अमली जामा पहनाने के लिए हलचल देखी जा रही है ।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बिन्दकी के उद्घाटन अवसर पर ही यह मांग तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री गोपीनाथ दीक्षित के सामने भी उठी थी । तब से कई बार नगर क्षेत्र की जनता द्वारा उठाई जाती रही है ।लेकिन जटिल नौकरशाही के जाल में उलझकर यह मांग अभी तक पूर्ण नहीं हो सकती है । अब ट्रिपल इंजन की सरकार की एक कड़ी नगर पालिका परिषद की चेयरपर्सन श्रीमती राधा साहू ने क्षेत्रीय विधायक को पत्र लिख कर पुन: इस मांग को गति दी है विधायक जय कुमार सिंह जैकी ने स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बिन्दकी का नामकरण पंडित मन्नू लाल मिश्रा के नाम से किए जाने की मांग की है ।
नगर पालिका परिषद बिन्दकी के बोर्ड की बैठक में पारित प्रस्ताव के बाद जिलाधिकारी द्वारा भी इस संदर्भ में शासन को आप क्या दी गई और शासन से भी काफी पत्राचार हुआ लेकिन परिणाम ढाक के तीन पात ही रहे ।
पंडित मन्नूलाल मिश्रा की प्रतिष्ठा कुछ ऐसी थीकि तत्कालीन मुख्यमंत्री पंडित गोविंद बल्लभ पंत भी उनके आवास मोहल्ला हजरतपुर 1935 में उनसे मिलने पहुंचे और उन्होंने वैद्य राज के द्वारा स्वयं अपनी देखरेख में निर्मित कराए गए पारदेश्वर शिवलिंग का दर्शन प्राप्त किया । पारा से निर्मित यह पारदेश्वर काफी बड़ा और वजनदार होने के साथ ही काफी चमकीला और आकर्षक है । जिसको देखने के लिए बहुदा लोग और संत उनके आवास पर पहुंचते रहे ।
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी भी जब स्वतंत्रता आंदोलन को सुदृढ करने के उद्देश्य पदयात्रा पर निकले और महरहा रोड होते हुए बिन्दकी के बेलाही बाजार स्थित मैदान में पहुंच कर सभा की उसे सभा में भी पंडित मन्नूलाल मिश्रा ने उन्हें आंदोलन को गति देने के लिए ₹2000 की थैली सौंपी ।
पंडित मन्नू लाल मिश्रा ने अपने विशाल आवास पर ही एक बड़ा औषधालय बना रखा था जहां तमाम आयुर्वेदिक दवाओं का निर्माण स्वयं अपनी देखरेख में निर्माण कराते थे । चिकित्सा के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश से लेकर पश्चिम बंगाल तक उनकी शोहरत थी और वह अक्सर कोलकाता में भी मरीज का इलाज करने के लिए जाते रहे ।
वर्ष 1963 में जब मन्नू बाबा ने महाप्रयाण किया तो हजारों रोते बिलखते लोगों का जमावड़ा उनके अंतिम दर्शन के लिए लग गया । उनकी अंत्येष्टि शिवराजपुर गंगा तट पर हुई बिन्दकी से शिवराजपुर गंगा तट की 16 किलोमीटर की शव यात्रा लोगों के कंधे पर ही गई । शव यात्रा में इस कदर भीड़ उमड़ी जिसने भी सुना वह शव यात्रा में शामिल हो गया । उस समय फिल्मांकन बड़ी चीज थी । लेकिन तत्कालीन शौकिया फोटो ग्राफर कुंज बिहारी अग्रवाल ने पूरी रील बनाई ।
विधायक जयकुमार सिंह जैकी ने कहा कि पंडित मन्नू लाल मिश्रा का नाम यदि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बिन्दकी में जोड़ दिया जाता है तो राष्ट्रवाद समाज के लिए किए गए उनके योगदान को यह क्षेत्र कभी विस्मृत नहीं कर पाएगा । उन्होंने आशा व्यक्त की कि स्वास्थ्य मंत्री शीघ्र जन भावनाओं को दृष्टिगत रखते हुए निर्णय लेंगे ।