
फतेहपुर : मलवा विकास खंड के रेवाड़ी बुजुर्ग गांव में चल रहे सप्ताहिक कथा ज्ञान यज्ञ में श्रद्धालु भक्त गोते लगा रहे हैं । संतो के मुखारविंद से प्रवचन सुन अपने जीवन को कृतार्थ कर रहे । श्रद्धालु भक्त श्रोतागण कथा के छठवें दिवस रास पंचाध्यायी एवं श्रीकृष्ण-रुक्मणी विवाह की कथा सुन भाव विभोर हो गए । श्रीमद्भागवत कथा सुनाते हुए जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी श्री दिनेशाचार्य जी महाराज ने कलयुगी लोगो पर कटाक्ष करते हुए कहा कि भगवान श्रीकृष्ण पर कलयुगी लोग मिथ्या दोष लगाते है कहते है श्रीकृष्ण इतनी गोपियो के साथ रास रचाते थे तो दो चार के साथ हम रचा ले तो क्या बुरा है । जो यह कहते है उन्हे रास का सही भाव ही नही पता । उन्होंने बताया महारास में पाच अध्याय हैं उन में गाए जाने वाले पंच गीत भागवत के पंच प्राण है । जो श्री ठाकुर जी के इन पाच गीतों को भाव से गाता है वह भव से पार हो जाता है । उन्हें वृंदावन की भक्ति सहज ही प्राप्त हो जाती है । इसी बीच उन्होंने मन मेरो बन गयो सखी रे पावन वृंदावन…
रास रच्यो है…
गीत सुना कर के श्रद्धालुओं को भावविभोर कर दिया उन्होंने बताया महारास मे भगवान श्रीकृष्ण बांसुरी बजाकर गोपियों का आह्वान किया और महारास लीला के द्वारा ही जीवात्मा परमात्मा का मिलन हुआ । जीव और ब्रह्म के मिलन को ही महाराज कहते हैं । कहा ईश्वर अंश जीव अविनाशी…
जीव ईश्वर का अंश है वह अविनाशी है । चेतन,निर्मल और स्वभाव से ही सुख की राशि है ।
उन्होने बताया इसिलिए गोस्वामी जी ने कहा है कि सकल आमानुष करम तुम्हारे…
तुम्हारे सभी कर्म आमनुषी है । जो ईश्वर पर दोषारोपण करते है । कथा में महंत लक्ष्मण आचार्य जी महाराज ने प्रवचन करते हुए कहा मानव शरीर प्राप्त कर मानवता का निर्वाहन करना बड़ी बात है । समाज सेविका शोभा पांडे द्वारा रुक्मणी -कृष्ण विवाह में सुंदर झांकियां प्रस्तुत की गई । कथा विश्राम पश्चात आरती हुई ।
प्रसाद वितरित किया गया । व्यवस्था सम्भालने वालो मे रामसनेही पांडेय,प्रशांत पांडेय,पंकज पांडेय,भाजपा सोशल मीडिया प्रभारी अजीत सैनी,रवि मिश्रा सहित पीयूष दीक्षित, अनुराग सिंह,कृष्ण कुमार पांडेय,अंशु सिंह,राम कुमार पांडेय ,पवन अग्निहोत्री,साधना,चुन्नू मास्टर आदि उपस्थित रहे । उधर रामपुर मे चल रहे शतचंडी महायज्ञ व श्री रामकथा मे आचार्य यदुनाथ अवस्थी ने श्री राम विवाह की कथा सुनाई ।