
बिन्दकी/फतेहपुर । तहसील बिन्दकी में आँल यू०पी० स्टाम्प वेन्डर एसोसिएशन तहसील इकाई बिन्दकी द्वारा तहसील प्रांगण बिन्दकी में एक बैठक आहुत की गई ।
बैठक को सम्बोधित करते हुए महामंत्री सात्विक शुक्ला ने कहा कि नाना साहब पेशवा एक भारतीय स्वतंत्रता सेनानी थे,उनका वास्तविक नाम गोविंद धोंडू पंत था । वह मराठा साम्राज्य के अंतिम पेशवा बाजीराव द्वितीय के दत्तक पुत्र थे और 1857 के विद्रोह में कानपुर में विद्रोह का नेतृत्व किया और अपने आप को पेशवा घोषित किया । नाना साहब के करीबी सहयोगियों में स्वतंत्रता सेनानी तात्या टोपे और अजीमुल्लाह खान शामिल थे । नाना साहब का बिठूर से गहरा संबंध था । बिठूर में ही नाना साहब का जन्म हुआ था और उन्होंने अपने जीवन का अधिकांश समय यही बिताया ।
बिठूर को उत्तर प्रदेश के कानपुर के पास एक ऐतिहासिक शहर बताया जो गंगा नदी के किनारे स्थित है । बिठूर में नाना साहब के नाम पर एक स्मारक पार्क बनाया गया है । जो उनके जीवन और 1857 की क्रांति में उनके योगदान को दर्शाता है । बिठूर किला अंग्रेजों के विरुद्ध लड़ाई की योजना बनाने का गढ़ था । जहाँ से क्रांति का नेतृत्व होता था । साथ ही आज ही के दिन पद्म विभूषित प्रसिद्ध हिंदी साहित्यकार, निबंधकार, आलोचक और उपन्यासकार के प्रणेता हजारी प्रसाद द्विवेदी जी की जयंती में उनके योगदान की सराहना की और बताया कि उन्होंने काशी हिंदू विश्वविद्यालय से ज्योतिषाचार्य एवं संस्कृत महाविद्यालय, काशी से शास्त्री की परीक्षा उत्तीर्ण की थी । लखनऊ विश्वविद्यालय ने उन्हें डी.लिट् की मानद उपाधि से सम्मानित किया । भक्तिकालीन साहित्यका उन्हें अच्छा ज्ञान था । उन्हें पद्म विभूषण एवं साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था । उन्हें हिंदी ,संस्कृत सहित कई भाषाओं का ज्ञान था ।
बैठक में उपस्थित सभी स्टाम्प विक्रेता साथियों एवं गणमान्य नागरिकों ने दोनो को नमन किया एवं उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की । साथ ही साथ दोनों के माता-पिता,उनकी जन्मस्थली एवं कर्म स्थली को नमन किया ।
इस मौके पर अध्यक्ष अनिल मिश्रा, महामंत्री सात्विक शुक्ला,नीरज कुशवाहा, शार्विल शुक्ला,नीता, राम शिरोमणि वर्मा ,अवधेश सिंह, अजय द्विवेदी,पी०एल०वी० ज्ञानेन्द्र मिश्रा,अमरसेन गुप्ता सहित समस्त स्टाम्प विक्रेता साथी एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे ।