
फतेहपुर : जनपद की 4 विधानसभा सीटों व गठबंधन की राजनीति में फंसी बिंदकी व जहानाबाद विधानसभा सीट समूचे जनपद में चर्चा का विषय बनी हुई है ।
बीते दिनों हुसैनगंज,सदर,खागा,अयाहशाह विधानसभा सीट से पुराने दावेदारों पर पार्टी ने भरोसा जताते हुए ।
घोषित किए प्रत्याशी के बाद से बिंदकी,जहानाबाद विधानसभा में अपना दल गठबंधन को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है ।
क्षेत्र में चर्चा है कि कांग्रेस के एक कद्दावर कद्दावर नेता की धर्मपत्नी विधानसभा बिंदकी से गठबंधन प्रत्याशी के रूप में अपनी किस्मत अजमा सकतीं हैं ऐसे में बीजेपी का मूल कोर वोटर दल बदल की राजनीति में पशोपेश में फंसा हुआ है ! 1989 से पार्टी में समर्पित व संगठनात्मक रूप से मजबूती देने वाले जमीनी कार्यकर्ताओं की उपेक्षा से नाराजगी का माहौल धीरे-धीरे तैयार हो रहा है जो भाजपा के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है ।
दल-बदल की राजनीति में माहिर स्वामी प्रसाद मौर्य,धर्म सिंह सैनी,दारा सिंह चौहान जैसे राजनेताओं को लेकर नुक्कड़ व पान की गुमटिंयों में खड़े होकर भाजपा समर्थक कार्यकर्ता नाराजगी जाहिर करते हुए कह रहे हैं । गठबंधन व बाहरी प्रत्याशियों के चलते हमेंशा ठगा हुआ महसूस करता आए है ! अन्य दलों में रहकर पार्टी व पार्टी के मूल कैडर के वोटर को पानी पी पीकर कोसनें वाले राजनेता दल बदल कर उन्हीं पार्टियों से गठबंधन कर उन्हीं वोटरों का वोट लेकर विधानसभा लखनऊ तक पहुंचने का रास्ता तय करना चाहते हैं । जो इस बार संभव नहीं है !
ऐसे में गठबंधन प्रत्याशी व बाहरी प्रत्याशियों के विरोध स्वरूप बदलाव की बयार में बिंदकी विधानसभा भी जद में आ सकती है । नए चेहरे पर दाव लगाने के कयास लगाए जा रहे हैं जो प्रत्याशी बीजेपी की विचारधारा से मेल रखता हों बीजेपी समर्थकों की माने तो वोट लेने के लिए दलबदल करने वाले राजनेता जीतने के बाद अगले 5 वर्ष उन्हें ही पाला बदलकर उन्हीं राजनेताओं को जी भर कर कोसते हैं ऐसे में योगी मोदी के नाम पर चुनाव जीतने का ख्वाब देखने वाले दलबदलूओं के लिए विधानसभा का रास्ता तय करना आसान नहीं होगा ।