
पाकिस्तान की इमरान ख़ान सरकार में सूचना प्रसारण मंत्री चौधरी फ़वाद हुसैन ने ट्वीट करके भारत में छिड़े हिजाब विवाद पर अपनी प्रतिक्रिया दी है ।
फ़वाद हुसैन ने लिखा है, “मोदी के भारत में जो हो रहा है वो डरावना है । भारतीय समाज अस्थिर नेतृत्व में तेज़ी से नीचे आ रहा है । हिजाब पहनना एक व्यक्तिगत पसंद है, ठीक वैसे ही जैसे किसी भी दूसरी ड्रेस को पहनने के लिए लोग स्वतंत्र हैं ।”
What’s going on in #ModiEndia is terrifying, Indian Society is declining with super speed under unstable leadership. Wearing #Hujab is a personal choice just as any other dress citizens must be given free choice #AllahHuAkbar
— Ch Fawad Hussain (@fawadchaudhry) February 8, 2022
हालांकि चौधरी फ़वाद हुसैन से पहले पाकिस्तान की महिला अधिकार कार्यकर्ता मलाला युसूफ़ज़ई भी हिजाब-विवाद को लेकर टिप्पणी कर चुकी हैं ।
ट्विटर पर उन्होंने एक कॉलेज छात्रा के बयान को ट्वीट किया है, जिसमें वो लड़की कहती है कि कॉलेज उन्हें हिजाब और पढ़ाई में से एक को चुनने के लिए मजबूर कर रहा है ।
“College is forcing us to choose between studies and the hijab”.
Refusing to let girls go to school in their hijabs is horrifying. Objectification of women persists — for wearing less or more. Indian leaders must stop the marginalisation of Muslim women. https://t.co/UGfuLWAR8I
— Malala Yousafzai (@Malala) February 8, 2022
मलाला ने आगे लिखा है- लड़कियों को अपने हिजाब में स्कूल जाने से रोकना भयावह है । कम या ज़्यादा पहनने को लेकर महिलाओं को एक वस्तु जैसा समझना बना हुआ है । उन्होंने भारतीय नेताओं से अपील की है कि उन्हें मुस्लिम महिलाओं की उपेक्षा को रोकना चाहिए ।
क्या है मामला
कर्नाटक के उडुपी में पिछले सप्ताह छात्राओं के हिजाब पहनकर कॉलेज जाने को लेकर विवाद शुरू हुआ था । कॉलेज प्रशासन का कहना है कि छात्राओं को कॉलेज की यूनिफ़ॉर्म में आना चाहिए । इसके बाद इसका विरोध शुरू हो गया । बाद में हिजाब समर्थक और हिजाब विरोधियों के बीच ठन गई ।
हिजाब पहनने से रोके जाने पर छात्राओं ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की है । उनका कहना है कि हिजाब पहनना उनका संवैधानिक अधिकार है । लिहाज़ा उन्हें इससे रोका नहीं जा सकता ।
कर्नाटक हाई कोर्ट में इस मामले को लेकर सुनवाई चल रही है ।