
मध्य प्रदेश में कोरोना से हालात बिगड़ते जा रहे हैं । संक्रमण के मामले 5 लाख 25 हज़ार के आकड़े को पार कर चुके हैं । मध्य प्रदेश के अधिकतर शहरों में लगाया गया सीमित लॉकडाउन भी संक्रमण के ग्राफ़ को नीचे लाने में नाकाम रहा है । मंगलवार को राज्य में संक्रमण के 13,417 मामले दर्ज किए गए ।
राज्य के मानवाधिकार आयोग ने मुरैना में तीन और कटनी में दो कोरोना पॉज़िटिव मरीज़ों की मौत ऑक्सीजन सप्लाई की कमी के कारण होने के मामले का संज्ञान लिया है और स्वास्थ्य सचिव, संबंधित ज़िला कलेक्टरों और मुख्य चिकित्सा अधिकारियों से 3 मई तक जानकारी मांगी है । दोनों घटनाएं सोमवार को हुई ।
बीते 26 दिनों में चंद दिनों को छोड़कर हर दिन मध्य प्रदेश में रिकॉर्ड मामले दर्ज किए गए हैं । मंगलवार को पॉज़िटिविटी रेट 22.6% रहा, जिसका मतलब राज्य में टेस्ट कराने वाला हर चौथा आदमी पॉज़िटिव पाया गया है । इस महीने रोज़ाना का पॉज़िटिविटी रेट तीन गुना ज़्यादा रहा है । हालांकि मंगलवार को ये सोमवार के दर्ज 23% के पॉज़िटिविटी रेट से कुछ कम रहा ।
बीते कुछ दिनों में पॉज़िटिविटी रेट में मामूली गिरावट देखी गई है। मंगलवार को 98 लोगों की मौत हुई । इसके साथ ही राज्य में इस बीमारी से जान गंवाने वालों की संख्या 5,319 पहुंच चुकी है ।
सबसे ज़्यादा 1,837 मामले इंदौर में दर्ज हुए. इसके बाद भोपाल में 1,836 और ग्वालियर में 1,198 मरीज़ मिले । थोड़ी राहत इस बात से मिली कि 11,577 लोग ठीक हो गए और अस्पताल से घर चले गए । अब तक राज्य में ठीक होने वालों का आकड़ा 4,25,812 है । 27 अप्रैल को राज्य में 94,276 सक्रिय मामले थे ।
ये भी अपने आप में एक रिकॉर्ड है क्योंकि इससे पहले तक राज्य में कभी इतने एक्टिव केस नहीं रहे । मध्य प्रदेश में भी बीते दिनों से ऑक्सीजन और रेमडेसिवीर इंजेक्शन से जूझते लोगों की वैसी ही तस्वीरें दिखीं जैसी देश के कई दूसरे हिस्सों में देखने को मिली ।
कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया कि इंदौर में ब्लड बैंकों में प्लाज़्मा कलेक्शन किट की कमी हो गई है । ऐसे में जो लोग प्लाज़्मा दान करने के लिए आ रहे हैं, उन्हें वापस लौटाया जा रहा है ।
मध्य प्रदेश में मेडिकल ऑक्सीजन की सप्लाई के लिए मंगलवार सुबह झारखंड के बोकारो से छह टैंकर ट्रेन रवाना हुई । जिसमें 64 मेट्रिक टन ऑक्सीजन भरी हुई थी । एक हफ़्ते पहले शनिवार और रविवार की दरमियानी रात शहडोल के सरकारी मेडिकल कॉलेज में कम से कम छह कोविड मरीज़ों के मेडिकल ऑक्सीजन की सप्लाई के कम दबाव के चलते दम तोड़ देने की ख़बर आई थी ।
पीटीआई ने ये ख़बर संस्थान के डीन के हवाले से ही दी थी । बाद में मध्य प्रदेश के मेडिकल एजुकेशन मंत्री विश्वास सारंग ने ऑक्सीजन की कमी की बात से इनकार किया था और मामले में जांच के आदेश दिए थे ।