
चीन के विदेश मंत्री वांगी यी ने मंगलवार को दक्षिण एशियाई देशों को कोरोना संक्रमण पर काबू पाने के लिए चीनी वैक्सीन देने का प्रस्ताव रखा । उन्होंने कहा कि चीन भारत को भी मदद देने के लिए तैयार है ।
चीनी विदेश मंत्री चौथे बहुपक्षीय संवाद में बोल रहे थे, जिसमें अफ़ग़ानिस्तान, बांग्लादेश, चीन, नेपाल और श्रीलंका के विदेश मंत्री शामिल हुए ।
चीन ने दक्षिण एशिया में कोरोना महामारी के बीच यह पहल की है लेकिन उसने इस बैठक में भारत, भूटान और मालदीव को नहीं बुलाया ।
इससे पहले भी चीन ने नेपाल, अफ़ग़ानिस्तान, पाकिस्तान और श्रीलंका के विदेश मंत्रियों के साथ बैठक की थी ।
Foreign Minister Hon. @PradeepgyawaliK addressed video-conference of six countries #Afghanistan #Bangladesh #China #Nepal #Pakistan #SriLanka and stressed the need for strengthened regional and international cooperation for COVID response and recovery. pic.twitter.com/qPJUllf590
— MOFA of Nepal 🇳🇵 (@MofaNepal) April 27, 2021
वांग यी ने कहा कि चीन ने भारत में जारी कोरोना त्रासदी को लेकर सहानुभूति जताई है और मदद की भी पेशकश की है ।
वांग यी ने कहा, ”चीन भारत के लोगों को किसी भी वक़्त ज़रूरत के हिसाब से मदद के लिए तैयार है । हम बांग्लादेश, पाकिस्तान, श्रीलंका, नेपाल और अफ़ग़ानिस्तान के साथ कोरोना के ख़िलाफ़ लड़ाई लड़ रहे हैं ।
हम चाहते हैं कि दक्षिण एशिया में वैक्सीन की आपूर्ति ठोस तरीक़े से हो ।” चीन ने दक्षिण एशियाई देशों में आपातकालीन आपूर्ति की भी बात कही ।
वांग यी ने कहा कि जो भी चीन की बेल्ट एंड रोड परियोजना में शामिल हैं, उन देशों को ग़रीबी कम करने में तेज़ी से काम करने की ज़रूरत है ।
इस बैठक में नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप कुमार ज्ञवाली ने कहा कि कोविड के ख़िलाफ़ लड़ाई और अर्थव्यवस्था की रिकवरी के लिए व्यापक स्तर पर क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय सहयोग की ज़रूरत है । नेपाल के विदेश मंत्री ने कहा कि चीन नेपाल को अतिरिक्त मेडिकल आपूर्ति और क़रीब 5.7 करोड़ रुपए की आर्थिक मदद देने पर राज़ी हुआ है ।
चीन के सरकारी अख़बार ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है कि भारत ने दक्षिण एशियाई देशों को वैक्सीन उपहार में दिया है लेकिन ये पर्याप्त नहीं हैं ।